विपक्षी दलों के पटना सम्मेलन से बीजेपी में इतनी बौखलाहट और घबराहट क्यों है? क्या एक ही बैठक से बीजेपी को 2024 के लिए ख़तरे की घंटी सुनाई देने लगी है? क्या विपक्षी दलों ने संकेत दे दिए हैं कि वे एक होकर रहेंगे? अगर सचमुच में विपक्षी दल एकजुट हो गए तो बीजेपी का क्या होगा? क्या विपक्षी एकता ही मोदी की हार की गारंटी है?