सरकार और उसके मुखपत्रों द्वारा इस बात पर बहुत बहस की जा रही है कि एक राष्ट्र-एक चुनाव का फॉर्मूला भारत के लिए आदर्श क्यों है।
इस कदम के पक्ष में कई कमजोर तर्क दिये जा रहे थे। लेकिन क्या इससे देश और हमारे लोकतंत्र को फायदा होगा? यह लाख टके का सवाल है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी हमें बता रहे हैं.