Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। उमर ने मोदी सरकार से पूछा- तालिबान आतंकी हैं या नहीं? । तालिबान ने कहा - कश्मीर पर हम नहीं करने वाले हैं हस्तक्षेप
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की माँग नहीं छोड़ी है, पर वे यह भी मानते हैं कि इस समय इसकी उम्मीद करना बेवकूफ़ी है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। अब्दुल्ला : यह उम्मीद करना मूर्खता होगी कि 370 वापस आएगा।पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में लगातार वृद्धि, पटना में भी 100 के पार। Omar Abdullah says it will be foolish to expect Article 370 will be back.
डीडीसी चुनाव के लिए घाटी में नामाँकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों को तुरंत ही पुलिस की निगरानी में ले जाया जा रहा है और वहीं रखा जा रहा है। आरोप है कि उन्हें वहाँ से निकलने नहीं दिया जा रहा है।
उमर अब्दुल्ला नाराज़ हैं। भारत के विपक्ष से, संसद से और अपने आप से। अपने साथ किए गए धोखे से वह नाराज़ हैं। वह क्षुब्ध हैं कि जम्मू और कश्मीर की रही-सही स्वायत्तता का अपहरण कर लिया गया और उसके दो टुकड़े कर दिए गए।
उमर गुस्से में हैं, निराश हैं, उन्हें देश के राजनीतिक दलों से शिकायतें हैं, वे चुनाव न लड़ने की बात कर रहे हैं। लेकिन बहुत सारे लोगों को लग रहा है कि केंद्र सरकार के साथ उन्होंने कोई डील कर ली है इसलिए धारा 370 के मामले में वे खामोश हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद उमर अब्दुल्ला देश के दूसरे हिस्सों में राजनीतिक दलों और नेताओं के रवैये से नाराज़ हैं। आख़िर उमर इनसे किस बात को लेकर नाराज़ हैं और उन्हें यह बात इतनी ज़्यादा क्यों कचोट रही है?
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा- जब तक जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है तब तक मैं विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ूँगा। मैं भारत भूमि में सबसे ज़्यादा ताक़तवर विधानसभा का सदस्य रहा।
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की कांग्रेस पार्टी से बग़ावत को उनकी या उनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला की रिहाई से जोड़ने पर नेशनल कॉन्फ़्रेन्स के नेता उमर अब्दुल्ला भड़क गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव के दो महीने बाद पहली बार उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक़ अब्दुल्ला को अपनी पार्टी नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेताओं से मिलने दिया गया।