इंदिरा साहनी केस एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इस पर सुनवाई करेगा कि क्या इंदिरा साहनी केस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए और क्या इसे बड़ी बेंच के पास भेज दिया जाना चाहिए।
मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू कर अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने का मसला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मराठा आरक्षण को लेकर सुनवाई कर रही उच्चतम न्यायालय़ के पीठ ने इस मसले पर विचार करने का मन बनाया है।
केंद्र सरकार ने पिछड़े वर्ग को विभिन्न उपजातियों में बाँटकर आरक्षण व्यवस्था करने पर विचार के लिए जस्टिस जी रोहिणी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। इसे लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग से भी राय माँगी गई।
केंद्र सरकार में 89 सचिवों में से अनुसूचित जाति यानी एससी के सिर्फ़ एक और अनुसूचित जनजाति यानी एसटी से तीन सचिव हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी से कोई भी सचिव नहीं है। ये आँकड़े हाल ही में संसद में रखे गए थे। सत्य हिंदी न्यूज़