ओबीसी आरक्षण के आधार पर मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव कराने पर अड़े राजनीतिक दलों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। जानिए, इसने क्यों कहा कि बिना आरक्षण के चुनाव कराए आयोग।
मध्य प्रदेश में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला जो भी आए, राजनीतिक दलों में सियासत तेज़ होना तय है। जानिए, बीजेपी और कांग्रेस ने अभी ही कैसी प्रतिक्रिया दी है।
Satya Hindi news Bulletinसत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। मेडिकल में अब 27% ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर । सुप्रीम कोर्ट ने कहा - सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण ज़रूरी
सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़े वर्ग के आरक्षण से समृद्ध तबके या क्रीमी लेयर को बाहर रखने की हरियाणा सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाई। कहा सिर्फ आर्थिक आधार पर नहीं हो सकता आरक्षण का फैसला। जाति जनगणना की मांग पूरे ज़ोर पर चल ही रही है। तो क्या आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बोल से बाहर निकल आया है?
संविधान संशोधन से ओबीसी आरक्षण पर क्या असर पड़ेगा? क्या कोटा बढ़ेगा? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- विनोद अग्निहोत्री, सतीश के सिंह, शरद गुप्ता, डॉ। अनिल यादव और डॉ लक्ष्मण यादव
राज्यसभा ने भी ओबीसी से जुड़ा संविधान (127वाँ) संशोधन विधेयक पारित कर दिया है। इस विधेयक से अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी आरक्षण में जातियों को शामिल करने का राज्यों को अधिकार मिल जाएगा।
मेडिकल आरक्षण: ओबीसी की सीटें सामान्य को क्यों? योगी के जनसंख्या विधेयक पर बवाल, केन्द्र भी अदालत में कर चुका है विरोध। रज़ामंदी से हो रही शादी को कट्टरपंथियों ने लव जिहाद बताकर रुकवाया। दिन की बड़ी ख़बरों का विश्लेषण-
मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 14 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। यह ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मंडल कमीशन की सिफारिशों की तुलना में बहुत कम है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के ठीक पहले महिश्या समुदाय को आरक्षण देने का ऐलान कर राज्य के चुनावी गणित में जाति को महत्वपूर्ण समीकरण के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति अपनाई है।
इंदिरा साहनी केस एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इस पर सुनवाई करेगा कि क्या इंदिरा साहनी केस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए और क्या इसे बड़ी बेंच के पास भेज दिया जाना चाहिए।