एनडीए की चौथी पारी में करोड़ों युवाओं की नौकरी और आर्थिक तरक्की की आकांक्षाओं का क्या होगा? क्या नीतीश कुमार बीजेपी के 19 लाख नौकरियों के वादे को पूरा करेंगे?
सुशील कुमार मोदी उप मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, इस पर अटकलें लगाई ही जा रही थीं कि तारकिशोर प्रसाद को विधानमंडल दल का नेता चुन कर बीजेपी ने राज्य में बड़े हेरफेर के संकेत दिए हैं।
बिहार की राजधानी पटना में चल रही बैठक में नीतीश कुमार को जनता दल यूनाइटेड के विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इसके साथ ही नीतीश कुमार के एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है।
सरकार गठन की रणनीति में जुटे बिहार एनडीए के घटक दलों के प्रमुख नेताओं की शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर बैठक हुई। इस मामले में रविवार को बैठक होगी।
बिहार विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद चौथी बार मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्होंने इस पद के लिए कोई दावा नहीं किया है। उन्होंने साफ़ किया है कि इस पर एनडीए फ़ैसला लेगा।
ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश को ही बिहार में एनडीए का चेहरा बताया है। लेकिन नीतीश की इस कुर्सी पर फिर से न बैठने की इच्छा व्यक्त करने का क्या सियासी मतलब है।
बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे, भले इस बार उनकी सीटें बीजेपी के मुक़ाबले बहुत कम हैं। बीजेपी ने सारी अटकलों को ख़ारिज करते हुये कहा है कि चुनाव नीतीश की अगुवाई में लड़ा गया और वही मुख्यमंत्री होंगे।
बिहार के चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में जगह-जगह पर वैचारिक टकराव के साथ तालमेल में कमी नजर आ रही है। वहीं आरजेडी-कांग्रेस-वामदलों का गठजोड़ पूरे दमखम के साथ मैदान में है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे चरण में विकास और जातीय समीकरण सीमांचल की वोट चर्चा के अहम हिस्सा नज़र आते हैं लेकिन बदलाव की चाहत इन पर भारी दिखती है।
जिस किशनगंज में एक दिन पहले नीतीश कुमार कह रहे थे कि ‘कोई किसी को नहीं भगा सकता’, उसी किशनगंज में अगले दिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिन नीतीश कह गये- ‘यह मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।’