बिहार में पुलों के गिरने पर मजाक बन रहे हैं और मीडिया नीतीश कुमार के सुशासन के नए नए किस्से गढ़ रहा है। पिछले 15 वर्षों से राज्य में एक ही मुख्यमंत्री है लेकिन मजाल है कि उससे किसी ने सवाल पूछा हो कि ये पुल गिर रहे हैं या तुम्हारा इकबाल गिर रहा है। पर, वो सुशासन बाबू है। सवाल उससे नहीं तेजस्वी यादव से पूछे जा रहे हैं, जबकि डेढ़ दशक से राज कर रहे शख्स से कोई सवाल नहीं। आप भाजपा के साथ हैं तो बेशक सौ पुल गिर जाएं, सब पाकसाफ है। आप भाजपा के साथ नहीं हैं तो संदेशखाली भी राष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है। स्तंभकार अपूर्वानंद बिहार में पुलों के गिरने को कुछ इस तरह देख रहे हैं। आप भी देखिएः