बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 अक्टूबर को मोतिहारी में स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में एक बयान दिया जिस पर राजनैतिक चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है।
नीतीश कुमार से पूछा गया कि क्या पिछड़ों के आरक्षण की सीमा बढ़ेगी?उनका जवाब था,विधानसभा का इंतजार करें।वे आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगे।पिछड़ों के आरक्षण की सीमा बढाने की चर्चा इसी से शुरू हो चुकी है।आज की जनादेश चर्चा।
बिहार के बक्सर जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन पर नॉर्थ ईस्ट सुपरफास्ट ट्रेन के 21 डिब्बे पटरी से उतर जाने के बाद 4 लोगों की मौत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है।
मोदी क्यो लड़खड़ाये से दिखते हैं ? क्यों वो जाति गणना पर साफ़ स्टैंड नहीं ले पा रहे है ? क्यों नीतीश का बीजेपी छोड़ना पड़ गया बेहद महंगा ? क्यों 2024 की लड़ाई में पिछड़ रही है बीजेपी और विधानसभा चुनावों में हो जायेगा सफ़ाया ? आशुतोष के साथ विस्तार बात की जाने माने बुद्धिजीवी प्रो अभय कुमार दुबे से ।
बिहार में जाति सर्वेक्षण के आँकड़े जारी होने के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने आख़िर क्यों कहा कि वे देश को जाति के नाम पर बांट रहे हैं? जानिए जाति जनगणना को लेकर उनकी राय क्या है।
जाति जनगणना ने नीतीश को राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में ला दिया है और उनका कद भी बढ़ा है। राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि अब देश भर की विपक्षी नेताओं के बीच नीतीश कुमार एक बड़े चेहरे के तौर पर उभरेंगे।
विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार के पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग अब फिर से क्यों उठी? वह भी तब जब विपक्षी गठबंधन ने पीएम उम्मीदवार पर फ़ैसला बाद में लेने की बात कही है।
नीतीश कुमार ने कहा कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। कोई भी जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकता है। कार्यक्रम में जब तक नीतीश रहे तब तक कोई भाजपा नेता नहीं पहुंचे थे।