तीन राज्य सरकारों ने बजट 2021 में लगाए गए कृषि अधिभार (एग्रीकल्चरल सेस) का विरोध करते हुए इसे संघीय ढाँचे के ख़िलाफ़ बताया है और कहा है कि इससे केंद्र-राज्य रिश्तों पर बुरा असर पड़ेगा।
बजट के बाद तो शेयर बाज़ार ने दो हज़ार पाइंट से ऊपर की जोरदार छलांग लगाई। इसकी क्या वजह हो सकती है? वजह एक नहीं अनेक हैं। सबसे बड़ी वजह तो है कि सरकार एक बड़ी सेल की तैयारी कर रही है।
सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर पौने दो लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य क्यों रखा गया है? सरकारी विभागों की खाली पड़ी ज़मीनों को बेचने के लिए एक एसपीवी बनाने का नया एलान क्यों किया गया?
वित्त मंत्री निर्मला सितारमण के बजट पर सेंसेक्स उछला है। एक समय इसमें 2000 से ज़्यादा अंकों का उछाल आ गया। निफ़्टी में भी ऐसा ही असर देखने को मिला और यह 14 हज़ार के पार पहुँच गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की यह घोषणा कि वे जो बजट पेश करेंगी, वैसा बजट अब तक कभी पेश नहीं किया गया है, लोगों का ध्यान खींचती है। सवाल यह है कि इस बार के बजट से लोग क्या उम्मीद करें।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कैसे बनाएंगी अभूतपूर्व बजट। कैसा बजट चाहिए ? कैसा होगा आत्मनिर्भर बजट? देश के दो जानेमाने आर्थिक पत्रकारों टीसीए श्रीनिवास राघवन और अशोक भट्टाचार्य के साथ आलोक जोशी की बातचीत। रात आठ बजे।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। बिहार चुनाव से पहले नड्डा ने की नई टीम की घोषणा।किसान संगठन: अकाली दल कर रहा है किसानों पर राजनीति
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।वित्त मंत्री के पति बोले - भगवान के नाम पर अब तो कुछ कदम उठा लो!राउत : कंगना को राजनीति में आना है तो खुलकर आएँ
निर्मला सीतारमण के पति ने उनकी तीखी आलोचना की है और ये कहा है कि अब तो भगवान के नाम पर कुछ कदम उठा ले । उनके पति परकाल प्रभाकर ने ट्वीट कर अपनी पत्नी के बयान पर अपनी नाराज़गी जताई है ।
सिर्फ एक तिमाही में जीडीपी नकारात्मक नहीं है। अगले पूरे साल भी जीडीपी निगेटिव रहेगी। अगर मोदी सरकार ने जल्दी बड़ा कदम नहीं उठाया, वित्त मंत्री को नहीं बदला तो भयानक तबाही होगी।