दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंकाओं के बीच भारत सरकार ने जो आज आर्थिक सर्वे पेश किया है उसमें क्या आकलन पेश किया गया है। जानिए क्या बताए गए हैं हालात।
पिछले तीन वर्षों से बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था को समर्थन और रिकवरी पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे भारतीय उद्योग जगत को उपयोगी परिणाम प्राप्त किए हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव के पहले आने वाला 2023 का यह बजट इस मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। तो इस बजट में आख़िर निर्मला सीतारमण क्या घोषणा करेंगी? क्या करों में कुछ राहत की उम्मीद है?
बीते साल नवंबर के महीने में बनारस में तमिल संगमम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के जरिये तमिलनाड़ु के लोगों को बनारस के जरिए उत्तर भारत की संस्कृति से अवगत कराया गया था।
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में देर रात 9 सूत्री प्रस्ताव पारित कर विपक्ष को निशाने पर रखा गया। इन प्रस्तावों में राफेल डील, पेगासस, नोटबंदी जैसे मुद्दों पर विपक्ष के पीएम मोदी पर हमलों की निन्दा की गई। प्रस्ताव में और क्या था, जानिएः
आम बजट के बस कुछ दिन ही रह गए हैं। आयकर स्लैब को बढ़ाने और टैक्स घटाने की मांग इस बार ज़ोर पकड़ चुकी है। चुनाव देखते हुए इसकी उम्मीद भी तेज़ है। तो क्या इस बार यह संभव होगा?
अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाली देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब रुपये के कमजोर होने पर ऐसा बयान दे दिया कि सोशल मीडिया पर उन पर अब तंज कसे जा रहे हैं।
केंद्र सरकार सिंगल केवाईसी सिस्टम लाने पर काम कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को फिक्की के एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी थी। जानिए सिंगल केवाईसी सिस्टम के क्या फायदे होंगे।
कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने देश के हालात पर चिन्ता जताते हुए कहा है कि देश में लोकंत्र हांफ रहा है। संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है। रविवार को पीटीआई को दिए गए इंटरव्यू में चिदंबरम में कई और महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। पढ़िए।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण 16 अगस्त को महाराष्ट्र के बारामती में जा रही हैं। बारामती एनसीपी प्रमुख शरद पवार का मजबूत गढ़ है। आखिर बीजेपी को अचानक अपने केंद्रीय मंत्री को वहां भेजने की जरूरत क्यों महसूस हुई। समझिए पूरी राजनीति को।
बढ़ती महंगाई पर सरकार अजीबोगरीब तर्कों से अपने बचाव में जुटी है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हीं पुराने तर्कों से बचाव किया। निर्मला ने यह भी कहा कि राज्य पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाएं। इसके जवाब में तमिलनाडु सरकार ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि दरअसल केंद्र सरकार फ्यूल पर टैक्स घटाए, ताकि जनता को राहत मिल सके।
महंगाई सिर्फ विपक्ष को दिखती है जनता को नहीं। महंगाई है कहां? यूपीए के दौर में तो इससे बहुत ज्यादा महंगाई थी? दुनिया के दूसरे देशों को देखो वहां हमसे ज्यादा महंगाई है। यह सब कहना है सरकार का। लेकिन क्या कहता है अर्थशास्त्र का? अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरविंद मोहन से आलोक जोशी की बातचीत।