निर्मला सीतारमण ने देश की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के लिए पिछली सरकार को ज़िम्मेदार बता दिया है। क्या सिर्फ़ दूसरे को दोष देकर समस्या का समाधान हो जाएगा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल सरकारी बैंकों के लिए सबसे ख़राब था।
सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकल प्रभाकर ने ही की है। देश की आर्थिक स्थिति ख़राब है। निर्मला के पति ने क्यों उठाये सवाल? क्या निर्मला उनकी बात को सुनेंगी और आर्थिक फ़ैसले में बदलाव लाएँगी? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकल प्रभाकर ने एक लेख में नरेंद्र मोदी सरकार, बीजेपी और संघ की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कॉरोपोरेट जगत को करोें में छूट देने के पीछे क्या थी वजह? बजट से निराश शेयर बाजार को 17.60 खरब रुपये का नुक़सान हो चुका है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई तरह के नए सुधारों का एलान किया है ताकि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके। उन्होंने निर्यात बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण स्कीमोें, छूटो और प्रशासनिक बदलावों का एलान भी किया।
सरकारी आँकड़े हैं कि बेरोज़गारी 45 साल के रिकॉर्ड स्तर पर है। नौकरियाँ जा रही हैं। अर्थव्यवस्था में मंदी है। ऑटो सेक्टर की हालत ख़राब है। फिर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय तक क्यों कह रहे हैं कि सबकुछ ठीक है? देखिए आशुतोष की बात में पूरी रिपोर्ट।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ज़ोरदार हमला करते हुए कहा कि बेहतर होगा कि वह वित्त और अर्थव्यवस्था के मुद्दोें पर कुछ बोलने के पहले ठीक से होम वर्क कर लें।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार ने बेनामी कंपनियों यानी शेल कंपनी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका पता लगाया और उन्हें बंद करवा दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सेक्टर में बहुत बड़े फ़ैसले का एलान करते हुए कहा कि बैंकों का विलय किया जाएगा। इस विलय के बाद सिर्फ़ 12 सरकारी बैंक बच जाएँगे।