कुछ ही दिनों में गाँधीजी की 150वीं जयंती आने वाली है और प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी बड़े नेता उनको याद कर दावा करेंगे कि वे गाँधीजी के ही बताए मार्ग पर चल रहे हैं। क्या वे जम्मू-कश्मीर के मामले में ऐसा कर रहे हैं?
क्या भारत का विभाजन टाला जा सकता था? अंत-अंत तक जिन्ना की इच्छा यही थी कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान एक महासंघ का हिस्सा बनकर रहते। लेकिन नेहरू-पटेल जैसे कांग्रेसी नेता इस पर क्यों तैयार नहीं थे?
आज़ादी की लड़ाई के लिए कांग्रेस भी लड़ रही थी और मुसलिम लीग भी। एक समझौते के बाद दोनों साथ आए। लेकिन फिर इसमें दरार पड़ गई। आज़ादी के लिए लड़ रहे थे तो क्यों टूटी कांग्रेस और मुसलिम लीग की 12 साल पुरानी दोस्ती?
यह कहना कि जिन्ना ही पार्टिशन के लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार थे, पूरी तरह ग़लत होगा। कारण यह कि अव्वल तो यह बँटवारा जिस दो क़ौमों के सिद्धांत के आधार पर हुआ था, वह जिन्ना का नहीं था।
क्या लोकतंत्र का अर्थ बहुमत की तानाशाही है? क्या बहुमत जो खाता-पीता है, जैसे रहता-जीता है, जैसे पूजा-अर्चना करता है, वही सारे देश को करना होगा? पढ़िए, 8 अगस्त 2019 को लिखी नीरेंद्र नागर की टिप्पणी।
5 अगस्त 2019 को संसद में संकल्प में अमित शाह ने पूरा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की बात नहीं की और केवल 2 और 3 को समाप्त करने की बात क्यों की? जानें क्या क़ानूनी उलझन थी? पढ़ें 4 साल पहले छपी यह रिपोर्ट।
केंद्र की एनडीए सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निर्वीर्य यानी शक्तिहीन करने की तैयारी कर ली है और गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आज तत्संबंधी प्रस्ताव पेश किया।
पहले जहाँ भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर में 38 विषयों पर क़ानून बना सकती थी, वहीं अब केंद्र के अधिकार वाले 97 विषयों में से 94 विषयों पर जम्मू-कश्मीर के लिए क़ानून बना सकती है। तो क्या अनुच्छेद 370 की कितनी अहमियत रह गई है?
जम्मू कश्मीर में जिस जनमत संग्रह पर विवाद होता है अगर वह 1947-48 में हो जाता तो नतीजा भारत में पक्ष में आने की पूरी संभावना थी। क्यों नहीं हुआ जनमत संग्रह और अनुच्छेद 370 कैसे हुआ प्रभावित?
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से छेड़ दिया है। बीजेपी इस मुद्दे को क्यों हवा देती रही है? क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी और इस पर इतना क्यों है विवाद?
महाराजा हरि सिंह के विलय पत्र को स्वीकार करते हुए भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल माउंटबैटन ने ऐसा क्या और क्यों कह दिया जिसके लिए बीजेपी और संघ आज तक तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराते रहते हैं?