पश्चिम बंगाल में अगले अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यहाँ तृणमूल 10 साल से सत्ता में है और अब तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है। लेकिन क्या वह ऐसा कर पाएगी?
सी-वोटर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के लोगों का मूड भाँपने के लिए उनसे कुछ सवाल पूछे जैसे वर्तमान राज्य सरकार का काम कैसा चल रहा है, आपके लिए चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है, आप किस व्यक्ति का राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं आदि-आदि।
पश्चिम बंगाल में आम धारणा यही है कि तृणमूल ही वापस सत्ता में आएगी। पुलिस और मीडिया की भी यही राय है। जानिए वे कौनसी शक्तियाँ हैं जो तूफ़ानी हवाओं में भी ममता की नाव को पार लगाने में मदद कर रही हैं।
बंगाल में चुनाव अब कुछ ही माह दूर रह गए हैं लेकिन अभी भी यहाँ की तसवीर साफ़ नहीं हुई है कि क्या ममता बनर्जी तीसरी बार भी राज्य की मुख्यमंत्री बनेंगी या इस बार यहाँ फिर से सत्ता परिवर्तन होगा।
बाबरी मसजिद मामले में सीबीआई ने जो वीडियो आदि सबूत दिखाए, वे जज को विश्वसनीय नहीं लगे। क्या दुनिया में जितने भी अपराध होते हैं, उनका फ़ैसला वीडियो के आधार पर होता है?
24 मार्च के आसपास रोज़ 50-60 नए मरीज़ों का पता चल रहा था तो लॉकडाउन किया गया था और अब जब 8 हज़ार से ज़्यादा नए मरीज़ रोज़ मिल रहे हैं तो लॉकडाउन क्यों खोला जा रहा है?
आज 1 जून से लॉकडाउन ख़त्म होने की उलटी गिनती शुरू हो रही है। सरकार ने इसे अनलॉक-1 का नाम दिया है जो 30 जून तक चलेगा। पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं तो अनलॉक की घोषणा क्यों?
हाल ही में अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी और दिल्ली की एक संस्था के शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि भारत को कोरोना वायरस से मुक्त करने का सर्वश्रेष्ठ तरीक़ा यह है कि इसकी आधी से ज़्यादा आबादी को कोरोना वायरस से संक्रमित करा दिया जाए।
पालघर में साधुओं की हत्या हो या दादरी में अख़लाक़ को मार डालने का मामला। दोनों ही मामलों में भीड़ ने न्याय किया। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए भीड़तंत्र को ख़त्म करना ज़रूरी है।
क्या आप जानते हैं कि दुनिया के लिए क़यामत बन चुके नए करोना वायरस का ऑफ़िशल नाम क्या है? क्या कहा- COVID -19? जी नहीं, यह तो उस बीमारी का नाम है जो इस वायरस ने फैलाई है।
कोरोना वायरस जिसने सारे भारत में सामान्य जनजीवन को ठप कर दिया है और लोगों को घरों में क़ैद रहने के लिए बाध्य कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कोरोना वायरस है क्या बला।
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई राज्यसभा के लिये मनोनीत क्या हुए, लोगों ने उनके सीजेआई रहते हुए दिये गये फ़ैसलों पर सवाल खड़े कर दिये। लेकिन क्या ऐसा करना सही होगा।