मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली विस्फोटक सामग्री के मामले में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को गुरूवार को एनआईए ने गिरफ़्तार कर लिया है।
एनआईए को पुख्ता सबूत मिले हैं कि मनसुख के पोस्टमार्टम के दौरान एपीआई सचिन वाज़े ठाणे के सरकारी अस्पताल में मौजूद थे। एनआईए बहुत जल्द सरकारी अस्पताल में मनसुख का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
मुकेश अंबानी एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले की जाँच कर रही एनआईए ने गुरुवार को स्पेशल कोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया। एनआईए ने अदालत को बताया कि गिरफ़्तार एपीआई सचिन वाज़े के घर से उन्हें जाँच में 62 जिंदा कारतूस मिले हैं।
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास स्कॉर्पियो कार से मिली विस्फ़ोटक सामग्री के मामले में गिरफ़्तार किये गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 25 मार्च तक एनआईए की कस्टडी में भेज दिया है।
मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री लदी हुई स्कॉर्पियो कार के मामले में एनआईए ने पुलिस अधिकारी रहे सचिन वजे को शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। गिरफ़्तारी से पहले एजेंसी ने वाजे से 12 घंटे से ज़्यादा पूछताछ की।
मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री लदी हुई कार से जुड़े मामले के तार अब तिहाड़ जेल से जुड़ते दिख रहे हैं। दरअसल, जैश-उल-हिंद के नाम से विस्फोटक सामग्री और कार की ज़िम्मेदारी लेने वाला जो मैसेज भेजा गया था उसे एक टेलीग्राम चैनल से भेजा गया था।
देश के सबसे बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के बाहर से विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो कार की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए ने शुरू कर दी है। दिल्ली से मंगलवार को एनआईए की एक टीम मुंबई पहुँच गयी थी।
केंद्र सरकार ने जहाँ मुकेश अंबानी के घर के बाहर स्कॉर्पियो कार में मिले विस्फोटक की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए से कराने का फ़ैसला किया है, वंही महाराष्ट्र सरकार स्कॉर्पियो कार मालिक मनसुख हिरन मौत मामले की जाँच महाराष्ट्र एटीएस से कराने पर कायम है।
कस्टम्स विभाग का कहना है कि स्वपना सुरेश ने कहा है कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही उन्होंने सोने की तस्करी की थी, जबकि इस मामले की जाँच कर रही नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेन्सी का कहना है कि इसका कोई सबूत नहीं है।
किसान नेता, किसान आंदोलन के समर्थन करने वाले लोगों को एनआईए द्वारा समन क्या उन्हें डराने के लिए भेजा गया है? हाल तक बीजेपी के सहयोगी रहे शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने तो कम से कम ऐसा ही आरोप लगाया है।
झारखंड के आदिवासियों के लिए काम करने वाले 83 वर्ष के बुज़ुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी पार्किंसन नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। जेल में उन्हें स्ट्रॉ और सिपर कप जैसी छोटी-मोटी ज़रूरत की चीज़ें भी नहीं मिल रही हैं?
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज़फ़र-उल-इसलाम ख़ान और 6 अलाभकारी संस्थाओं के 9 ठिकानों पर राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी के छापे से कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी सरकार की नीतियों की आलोचना करने वालों को चुन-चुन कर निशाना बना रही है और उन्हें भीमा कोरेगाँव मामले में जानबूझ कर फँसा रही है?