क्या विपक्षी एकजुटता वाले दलों और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच गठबंधन में दलों की संख्या ज़्यादा करने की प्रतिस्पर्धा चल रही है? आख़िर इससे दोनों खेमों को लाभ क्या होगा?
अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए कई विपक्षी दल बड़ी तैयारी के साथ आ रहे हैं और उनके बीच में एक महागठबंधन बन रहा है तो क्या बीजेपी ने भी अपनी रणनीति बदल ली है?
बिहार की राजनीति में क्या बड़ा बदलाव होने वाला है? आरएलजेडी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की है। जानिए आख़िर इसके क्या मायने हैं।
एनडीए ने जब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने का फैसला किया तो पीएम मोदी उन्हें फोन पर सबसे पहले बधाई देना चाहते थे। लेकिन फोन लाइन मिलकर राजी नहीं थी। आगे फिर क्या हुआ, इस खबर में जानिए।
राष्ट्रपति के चुनाव में बीजेपी क्या एनडीए के उम्मीदवार को जीत दिला पाएगी। एनडीए के साथ ही विपक्ष का उम्मीदवार कौन होगा इसे लेकर भी सियासी कसरत जारी है।
एक चुनावी सर्वे में तमिलनाडु में यूपीए आसानी से सरकार बनाती दिख रही है। एबीपी न्यूज़ और सी-वोटर के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में यूपीए को बहुमत मिलते दिखाया गया है। सर्वे के अनुसार 173-181 सीटें मिल सकती हैं।
टाइम्स नाउ-सी वोटर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि असम में एनडी को 67 सीटें मिल सकती हैं जबकि यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी यूपीए को 57 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। इस तरह वहाँ यूपीए की सीटें पहले से कम होने के बावजूद उसकी सरकर बनने के आसार हैं।
अब अकाली दल ने छोड़ा बीजेपी का साथ। मोदी के पेज पर बढ़ रहे हैं डिसलाइक्स? बेरोज़गारी बना जी का जंजाल! मोदी का जादू कम? आशुतोष के साथ विजय त्रिवेदी, विनोद अग्निहोत्री, अकू श्रीवास्तव।