अजीत पवार ने कहा, ''मैं एनसीपी कार्यकर्ताओं को बताना बताना चाहता हूं,'चिंता न करें, एनसीपी का गठन शरद पवार के नेतृत्व में हुआ था, उसके बाद से कई बार ऐसा हुआ है, जब हम सत्ता में या विपक्ष में रहे हैं।
बंगाल और महाराष्ट्र की बोली, संस्कृति बेशक अलग-अलग हैं लेकिन दोनों राज्यों के दो नेताओं मुकुल रॉय और अजीत पवार की राजनीतिक मजबूरियां एक जैसी हैं और इसीलिए दोनों जब तब अपनी मूल पार्टी से बेवफाई करते रहते हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में तेजी से उतार चढ़ाव हो रहे हैं। आज खबरें गर्म हैं कि एनसीपी टूटने जा रही है। नेता विपक्ष अजीत पवार को एनसीपी के करीब 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और वो कभी भी उन विधायकों के साथ बीजेपी से हाथ मिला सकते हैं।
महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अजित पवार भाजपा के साथ गठबंधन करने के इच्छुक हैं, और अपनी इस इच्छा को लेकर पार्टी प्रमुख शरद पवार को भी सूचित कर दिया है।
शरद पवार ने एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाक़ात की थी और अब उनकी पार्टी कर्नाटक चुनाव में उतरने की तैयारी में है।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले दर्जे को अपग्रेड किया है और इसके साथ ही आम आदमी पार्टी को बड़ा फायदा हुआ है। लेकिन टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई को नुक़सान क्यों हुआ?
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने एनसीपी नेता शरद पवार के संदर्भ में बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि पवार के बयान से विपक्षी एकता में कोई दरार नहीं आएगी। महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन कायम है। पहले इसे एमवीए यानी महा विकास अघाड़ी कहा जाता था।
एनसीपी चीफ शरद पवार ने आज शनिवार को अडानी मामले में विपक्ष की जेपीसी जांच की मांग खारिज कर दी। आखिर पवार ने कल की बात को आज फिर क्यों दोहराया। इसका क्या मतलब है। जानिए।
शरद पवार उन नौ विपक्षी नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने रविवार को मोदी को लिखे गए एक लेटर पर हस्ताक्षर किए। इस पत्र में 'केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग' पर चिंता जताई गई थी
महाराष्ट्र के एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ के ठिकानों पर आख़िर ईडी ने क्यों छापेमारी की? जानिए, एनसीपी ने केंद्रीय एजेंसी पर क्या आरोप लगाया है।
शिवसेना के बागी और बीजेपी अक्सर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन को अप्राकृतिक बताते रहे हैं। उस पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने तीखी टिप्पणी की है। संजय राउत ने सवाल किया है कि जब एनसीपी और बीजेपी का गठबंधन 2019 में हुआ था तो वो क्या था, प्राकृतिक या अप्राकृतिक।