राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी में जो बदलाव किए गए हैं, उसके बाद क्या सबकुछ सामान्य है? जानिए अजित पवार को लेकर कयासों पर सुप्रिया सुले ने क्या कहा।
एनसीपी प्रमुख कौन होगा, इस पर चल रही तमाम अटकलें अब दूर हो गई हैं। शरद पवार के इस्तीफे के बाद से इस पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। जानिए, अब पवार ने क्या फ़ैसला लिया।
प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि शरद पवार ने एनसीपी की एक कमेटी गठित कर नया अध्यक्ष चुनने की जिम्मेदारी हमें दी थी। इस कमेटी में पहला नाम मेरा था। इस्तीफे के बाद से ही पवार साहेब से फैसला वापस लेने की अपील की जा रही है। हमने उनसे आग्रह किया कि केवल पार्टी ही नहीं, राज्य और देश की राजनीति को भी उनकी जरूरत है।
एनसीपी अध्यक्ष पर आज फैसला हो सकता है। पार्टी की बैठक 11 बजे बुलाई गई है। हर कोई शरद पवार को देख रहा है। सुप्रिया सुले के नाम पर लगभग सभी की सहमति बन गई है।
महाराष्ट्र के सियासी जानकारों का कहना है कि यह शरद पवार का राजनीतिक दांव था, जिसमें वो माहिर हैं। इस दांव से उन्होंने कई चीजों को एक साथ साध लिया। पहली तो ये कि उन्होंने अजित पवार की बगावत को शांत कर दिया है, जिनको लेकर खबरें आ रही थीं कि वे बीजेपी के साथ नजदीकी बढ़ा रहे हैं।
शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पवार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने केवल पद छोड़ा है, लेकिन सक्रिय राजनीति नहीं। वे राजनीति में बने रहेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से उनका इस्तीफा स्वीकार करने की अपील की थी।
भारतीय राजनीति के पुरोधा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि वो पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए यह बुरी खबर हो सकती है क्योंकि इधर शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के बीजेपी से हाथ मिलाने की खबरें गर्म रही है।
अजित को भावी मुख्यमंत्री बताने वाले ये पोस्टर किसने और किस उद्देश्य से लगाए हैं, यह तो फिलहाल साफ़ नहीं हो पाया है। इन पोस्टरों के सहारे अजित ने मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए एक कदम और बढ़ा दिया है।
सजंय राउत ने कहा कि 'महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार का डेथ वारंट जारी हो चुका है, सिर्फ तारीख का ऐलान होना बाकी है। राउत ने पहले ही कहा था कि शिंदे सरकार फरवरी में गिर जाएगी, लेकिन उनके मुताबिक़ सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देरी के कारण इस सरकार की लाइफलाइन बढ़ गई।
राजनीतिक बदले की भावना से विपक्ष के नेताओं पर एफआईआर दर्ज कराना नई बात नहीं है। लेकिन अगर किसी मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कराने का रेकॉर्ड बन जाए तो वो खबर बन जाती है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इलाके ठाणे में आजकल यही हो रहा है। इंडियन एक्सप्रेस ने एक विशेष रिपोर्ट सिर्फ ठाणे के बारे में दी है।
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार की टिप्पणी से साफ़ हो गया है कि बीजेपी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना बस्ता बांध लेने को कह दिया है।
संजय शिरसाट ने कहा कि एनसीपी में उथल-पुथल का दौर चल रहा है, यह वैसा ही जैसा कुछ दिनों पहले शिवसेना में था। अजित पवार को उद्धव ठाकरे का नेतृत्व मंजूर नहीं है, और वह एनसीपी में भी नहीं रहना चाहते।