शेख हसीना के पद से हटने और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर भारत की चिंताओं के बाद दोनों देशों के बीच पहली बार उच्चस्तरीय संपर्क साधा गया है। जानिए, बयान में क्या कहा गया है।
नरेंद्र मोदी अब सेक्युलर दलों की बैसाखियों के सहारे सरकार चला रहे हैं। क्या चुनाव में हार के बाद अचानक भाजपा धर्मनिरपेक्षता का ढोंग करने लगी है? आख़िर वह सिविल कोड को सांप्रदायिक कहकर क्या संदेश दे रहे हैं?
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल क़िले से दिए गए भाषण के कुछ अंश को लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। जानिए, बाबासाहेब आंबेडकर के बनाए कोड को लेकर क्या आपत्ति की गई।
नियमों में संशोधन के बाद अडानी समूह को भारत में बिजली बेचने को मिली मंजूरी को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला किया है। जानिए, उन्होंने क्या कहा है।
अमेरिकी सॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट से भारत में फिर से हलचल है। जानिए, सेबी अध्यक्ष को लेकर रिपोर्ट में किए गए दावों के बाद राहुल गांधी ने पीएम मोदी और अडानी पर क्या हमला किया।
राज्यसभा से लेकर लोकसभा तक विपक्ष नयी ऊर्जा से भरपूर दिख रहा है। राहुल का जवाब देने पीएम मोदी, अमित शाह से लेकर मंत्री तक देने उठ रहे हैं। सभापति को सदन से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा? आख़िर इसकी वजह क्या?
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना देश छोड़ने के बाद शाम को भारत में पहुँचीं। पड़ोस में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारत के प्रधानमंत्री ने अहम बैठक ली।
जब डोनल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी ख़ूब जमती थी। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का प्रचार भी किया था। तो क्या अब ऐसा नहीं हो सकता कि एक-दूसरे के वे काम आएँ। पढ़िए, इस पर रमेश जोशी का व्यंग्य।
राहुल गांधी ने जाति जनगणना कराने की बात कही तो अनुराग ठाकुर ने जाति को लेकर उनपर विवादित बयान दे दिया। इस विवादित बयान की तारीफ़ करने पर पीएम भी निशाने पर आ गए। जानिए, आख़िर जाति को लेकर इतना विवाद क्यों है।
राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में पीएम मोदी, उनके लोगों और संघ पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि आज फिर से चक्रव्यूह रचा जा रहा है, लेकिन देश की जनता अभिमन्यु नहीं है, बल्कि वह अर्जुन है।
मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट सत्र सोमवार से शुरू होगा। मोदी सरकार इस तीसरे कार्यकाल में पहली बार सहयोगियों पर निर्भर और विपक्ष अपेक्षाकृत बेहद मज़बूत है। जानें, विपक्ष इस बार क्या उठा सकता है मुद्दा।
बाल बुद्धि के जवाब में बैल बुद्धि आ गया। उधर से जब जब बाल बुद्धि का तीर छोड़ा जाता तो इधर से बैल-बुद्धि के प्रक्षेपास्त्र चलने लगते। यानी मुक़ाबला दिलचस्प हो गया।