प्रधानमंत्री ने पांच अप्रैल को रात नौ बजे दिया, कैंडल आदि जलाने का आव्हान किया है। उनका कहना है कि इससे देश की एकता का इज़हार होगा। लेकिन अपने वीडियो प्रसारण में उन्होंने उन क़दमों का ज़िक्र तक नहीं किया जो कोरोना संकट से निपटने के लिए वे उठ रहे हैं। ऐसे में लगता यही है कि वे लोगों का ध्यान भटकाने के टोटके तो नहीं आज़मा रहे हैं। सत्य हिंदी के लिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की विशेष टिप्पणी।