अमेरिका में जाकर 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा लगाने वाले भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत पर बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि भारत-अमेरिका संबंध नई ऊँचाइयों पर पहुँचेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी की खरी खरी। उन्होंने तीसरी बार यूएन को संबोधित किया। क्या था ख़ास- स्मिता शर्मा ने की चर्चा ‘द हिंदू’ की राष्ट्रीय संपादक सुहासिनी हैदर और Geneva में यूएन में भारत के राजदूत रहे दिलीप सिन्हा से।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।मोदी : UN में भारत की निर्णायक भूमिका कब? । ‘सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक होने के नाते करेंगे दुनिया की मदद’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा परिषद का विस्तार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जमाना काफी आगे निकल चुका है लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ 75 साल पहले जहां खड़ा था, वहीं खड़ा है।
पूर्व कृषि मंत्री सोमपाल शास्री, पंजाब के किसान नेता डॉक्टर दर्शनपाल, समाजवादी नेता डॉक्टर सुनीलम, और पत्रकार शीतल पी सिंह और अंबरीश कु्मार के साथ चर्चा किसानों के सवाल, खेती के हाल और नए कानूनों से किसानों की नाराज़गी पर।
नए कृषि विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल के इस्तीफ़े के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि इन विधेयकों को लेकर ग़लत सूचना फैलाई जा रही है। उन्होंने दोहराया कि इन विधेयकों से किसानों को सिर्फ़ फ़ायदा होगा।
आज प्रधानमंत्री मोदीजी का सत्तरवां जन्मदिन है । राहुल गांधी और केजरीवाल समेत देश भर ने उन्हें बधाई दी लेकिन देश के असंख्य युवाओं ने इसे बेरोज़गार दिवस के रूप में मनाया । डिजिटलाइजेशन के प्रचंड समर्थक मोदीजी को डिजिटल इंडिया ने बहुत बड़ी तादाद में सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म्स पर नाराज़गी दर्ज की । हाल बता रहे हैं शीतल पी सिंह
नरेंद्र मोदी का राजनीतिक सफ़र ‘आपदा को अवसर’ में बदलने की उनकी कुशलता का सबूत है। 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वडनगर में जन्मे मोदी की राजनीति पर विजय त्रिवेदी का आकलन।
बीजेपी के यू ट्यूब चैनल को डिसलाइक करने का मामला प्रधानमंत्री मोदी के पिछले मन की बात कार्यक्रम के बाद से लगातार आ रहा है। कई वीडियो में तो लाइक और डिसलाइक की संख्या भी नहीं दिख रही है।
हैकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट के ट्विटर अकाउंट को निशाना बनाया है और कुछ देर के लिए उसे हैक कर लिया। ट्विटर ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। हैकरों ने हैकिंग के बाद एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
इस बार “मन की बात “ लोगों को बेमन की लगी । ऐसा क्यों हुआ , ऐसा क्या हुआ? मीडिया तो चुप है पर डिजिटल और सोशल मीडिया ने इसका परीक्षण किया । बहुत से लोगों ने जल्दबाज़ी में इसे मोदीजी के कार्यकाल की उलटी गिनती शुरू होना बताया पर बहुत से लोगों ने इसे नकार दिया । इसी बहस पर सवाल उठा रहे हैं शीतल पी सिंह
जिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता नोटबंदी, जीएसटी, आर्थिक मंदी और कोरोना संकट में भी घटती नहीं दिखी थी उनके साथ अब अचानक ऐसा क्या हो गया कि 'मन की बात' कार्यक्रम को यूट्यूब पर पसंद करने वालों से कई गुना ज़्यादा ने नापसंद किया?
छह साल बाद भी 'मोदी' की मक़बूलियत अपूर्व रूप से 77 फ़ीसदी पर जा पहुँची है जबकि देश में बेरोज़गारी, कोरोना और गिरती अर्थव्यवस्था यानी विकास के सभी पैमानों पर देश पिछड़ता जा रहा है।