आज़ादी के बाद की स्मृतियों में अब तक के सबसे बड़े नागरिक संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी क्या संवेदनात्मक रूप से उतने ही विचलित हैं जितने कि उनके करोड़ों देशवासी हैं?
फ़ेसबुक इंडिया ने यह माना है कि उसने वायरल हो चुके #ResignModi को कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दिया था। उसने सफाई देते हुए कहा है कि यह गलती से हो गया था और ऐसा करने के लिए केंद्र सरकार ने उससे कहा नहीं था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात कर कोरोना से लड़ाई में उनके सहयोग के लिए धन्यवाद कहा और आगे की योजना पर विचार विमर्श किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बैठक की तो उसमें विवाद हो गया। मुद्दा उठा था ऑक्सीज़न की कमी का। केजरीवाल ने मुद्दा उठाया
कोरोना के बढ़ते संक्रमण, टीका व ऑक्सीजन की कमी और महामारी से होने वाली मौतों पर लोगों का गुस्सा उबल रहा है अब वह सोशल मीडिया पर फूट पड़ा है। बड़ी तादाद में लोगों ने ट्विटर पर आकर अपने गुस्से का इज़हार किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफ़े की माँग की।
राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के अभिभाषण की सबसे ख़ास बात क्या है? संभवतः पहली बार उन्होंने अपनी किसी भूल को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है। उन्होंने बहुत स्पष्ट कहा कि देश को किसी भी सूरत में लॉकडाउन से बचाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को अंतिम विकल्प मानने की सलाह राज्य सरकारों को ऐसे समय दी है जब कुछ जगहों पर लॉकडाउन लगाया गया है और कुछ जगहों पर लगाने की बात चल रही है।
बीजेपी ने भी प्रधानमंत्री समेत बाक़ी नेताओं की रैलियों में भीड़ की संख्या पाँच सौ तक रखने की बात कही है। लेकिन न तो उसने किसी रैली में कटौती की बात कही है और न ही भीड़ को पाँच सौ तक सीमित रखने का कोई फ़ॉर्मूला बताया है।
कोरोना संकट के बीच कुंभ को प्रतीकात्मक रखने की प्रधानमंत्री मोदी की प्रार्थना पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद ने लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना के हालात के मद्देनज़र लोग भारी संख्या में कुंभ में स्नान करने नहीं आएँ।
देश में कोरोना संकट के बीच कुंभ मेले के आयोजन के लिए सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचनाओं के बीच अब पीएम मोदी ने कहा है कि कुंभ अब प्रतीकात्मक तौर पर ही जारी रखा जाए।
नरेंद्र मोदी की चाय दुकान से प्रधानमंत्री बनने तक के सफ़र और उनकी कामयाबी से प्रेरणा लेकर उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर की रहने वाले मीनाक्षी ने भी ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया और राजनीति में कूद पड़ीं।
लोगों की यह जानने की भारी उत्सुकता है कि बंगाल चुनावों के नतीजे क्या होंगे? ममता बनर्जी हारेंगी या जीत जाएँगी? सवाल वास्तव में उलटा होना चाहिए। वह यह कि बंगाल में नरेंद्र मोदी चुनाव जीत पाएँगे या नहीं?
ममता पर धर्म के आधार पर वोट मांगने, नफ़रत फैलाने समेत कई आरोप हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि अगर वे कहेंगे कि ‘हिन्दुओं एक हो जाओ’ तो उनके पास चुनाव आयोग के 8 से 10 नोटिस आ जाएँगे। ममता को चुनाव आयोग का नोटिस तो मोदी को क्यों नहीं?