बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर देश में जगह-जगह रस्साकशी शुरू हो गई है। भारत सरकार द्वारा इस पर रोक लगाने के बावजूद यह सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही है। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों ने स्क्रीनिंग की। जेएनयू में भी कुछ छात्र आज मंगलवार रात 9 बजे इसकी स्क्रीनिंग करने वाले हैं।
भाजपा इस रणनीति के जरिए
उस तबके तक पहुंचने की कोशिश कर रही है जो लंबे समय तक उससे दूर रहा है। भाजपा की
राजनीति का बड़ा हिस्सा इस तबके के विरोध पर टिका हुआ है। संघ प्रमुख मोहन भागवत औऱ प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने हालिया बयानों में इस तबके तक पहुंचने के प्रयास किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर इतना गतिरोध क्यों है? डॉक्यूमेंटरी को कथित तौर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटाए जाने के बाद भी विपक्षी नेता लिंक क्यों साझा कर रहे हैं?
गुजरात के दंगों की गुप्त ब्रिटिश जांच और उस पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पर भले ही भारत में बैन लग गया हो लेकिन इस बहाने गुजरात दंगों को लेकर वो तमाम सवाल फिर से उभर आए हैं जो उस समय उठे थे...और आज भी उठ रहे हैं।
यूट्यूब और ट्विटर को साफ
तौर पर निर्देशित किया गया है कि वह देखे कि कोई चैनल इसे दोबारा अपलोड न करे।
इसको रोकने के उपाय भी करे जिससे कोई और ऐसा न कर पाए।
इंग्लैंड में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित हो रही है तो भारत में ‘गांधी गोडसे एक युद्ध’ 26 जनवरी को रिलीज हो रही है। एक भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो दशक पहले गुजरात दंगे में बतौर सीएम उनकी भूमिका को लेकर सवालों के कठघरे में खड़ा करता है। तो, दूसरा 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ने इतना तूल क्यों पकड़ा? आख़िर यह डॉक्यूमेंट्री क्यों बनानी पड़ी? जानिए विदेश मंत्रालय ने किस आधार पर इसे प्रोपेगेंडा कहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज मुंबई में परियोजना का उद्घाटन करते हुए पूर्व की सरकारों पर निशाना साधा और उन्होंने खुद को ग़रीबों का हितैषी बताया। जानिए उन्होंने क्या क्या कहा।
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से अल्पसंख्यकों की बात भी निकली है। बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि मुस्लिमों के मुद्दे पर अनावश्यक बयानबाजी नहीं की जाए। वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार इसमें मोदी का बदलता रुख देख रहे हैं। उन्होंने अपने अंदाज में इसका विश्लेषण किया है। जानिए उनके विचारः
दक्षिण भारत में कर्नाटक
इकलौता राज्य है, जहां वर्तमान में भाजपा की सरकार है। चुनावी जीत के
मामले में अपने शिखर पर चल रही भाजपा नहीं चाहती है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले
उसका दक्षिण का किला ढह जाए।
क्या भारत और पाकिस्तान के बीच शांति की कोई उम्मीद है? क्या दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए स्थितियाँ बन रही हैं? आख़िर पाक पीएम ने क्यों कहा कि भारत के पीएम के साथ वार्ता चाहते हैं?