कोरोना महामारी से ग्रस्त अमेरिका में हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे। अब तो उम्मीदें वैक्सीन पर टिकी हुई हैं। अमेरिकी कंपनियाँ युद्ध स्तर पर अपने प्रयोगों को आगे बढ़ा रही हैं। पेश है वाशिंगटन में रह रही वैज्ञानिक डॉ. इंद्राणी बरुआ से इस मुद्दे पर बातचीत।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र कठघरे में हैं। उन पर आरोप है कि वे केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं और इसीलिए सत्र बुलाने के लिए नए-नए बहाने बना रहे हैं। पेश है राज्यपालों की सरकारपरस्त भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार एन. के. सिंह से विशेष बातचीत। बात की है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने।
पाँच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की घटना को जिस तरह से योजना बनाई जा रही है, वे क्या ये नहीं बतातीं कि इसका इस्तेमाल चुनावी राजनीति के लिए किया जा रहा है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश है, मगर उससे लड़ने के मामले में वह अंदर ही अंदर बुरी तरह विभाजित भी है। न केवल राजनीतिक स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी ये बँटवारा देखा जा सकता है। अमेरिका में रह रहीं रचना नाथ ने इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार को विस्तार से बताया।
छह महीनों बाद भी अमेरिका में हालात बदतर बने हुए हैं। कोरोना महामारी से लड़ने में ट्रम्प सरकार की नाकामी हर जगह देखी जा सकती है। मेफिस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉ. सुभाष झा से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने बातचीत करके पूरा ब्यौरा लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने जाने माने वकील प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ अदालत की अवमानना के मामले में सुनवाई शुरू कर दी है। लेकिन क्या सचमुच में अवमानना का मामला बनता है या फिर प्रशांत को सबक सिखाने की कोशिश की जा रही है। जाने माने राजनीतिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने इस मसले पर बातचीत की।
राजस्थान में काँग्रेस सरकार पर आए संकट को एक हफ़्ते से ज़्यादा हो गया मगर काँग्रेस हाईकमान की ओर से कोई बयान नहीं आया। आए दिन ट्वीट करने वाले राहुल, प्रिंयका भी खामोश हैं। इस खामोशी का क्या मतलब है, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार
चार महीने हो गए हैं मगर इंदौर में कोरोना का संक्रमण रोके नहीं रुक रहा। इसकी क्या वजह है राजनीतिक स्थिरता, प्रशासन की लापरवाही या आपदा में अवसर ढूँढते अफ़सरों-क़ारोबारियों का भ्रष्टाचार? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने इंदौर में दो जाने माने पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी और रमण रावल से बातचीत की।
अब इसमें कोई शक़ नहीं रह गया है कि मोदी सरकार की विदेश नीति चारों खाने चित हो गई है। पड़ोसियों से संबंध तो बिगड़े ही हैं, अंतरराष्ट्रीय छवि भी धूमिल हुई है। लेकिन क्या सरकार सचाई स्वीकार करके विदेश नीति को बदलेगी वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
बीजेपी सरकार ने ये लगभग नियम सा बना लिया है कि अगर कोई सरकार गिरानी हो और अगर केवल प्रलोभन से काम न चल रहा हो तो इनकम टैक्स, सीबीआई और ईडी को लगा दो। इनके ज़रिए इतना आतंक पैदा कर दो कि कई विधायक घबराकर ही दल बदल करने को तैयार हो जाएँ। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने दो वरिष्ठ पत्रकारों एन के सिंह और उर्मिलेश से इस मुद्दे पर बातचीत की।
पाकिस्तान में कोरोना महामारी के असर और इमरान ख़ान से बढ़ती निराशा पर लाहौर स्थित पत्रकार सज्जाद अज़हर पीरज़ादा से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत।