अमृतकाल में ये कैसी घटनाएँ घट रही हैं? राम मंदिर चूने लगा, अयोध्या का राम पथ धंस गया, लाखों की स्ट्रीट लाइट चोरी हो गईं, ज़मीनों की लूट का पर्दाफ़ाश हो गया, जगह-जगह पुल गिरने लगे, रेलें पटरियों से उतरने लगीं…?
प्रधानमंत्री ने लाल क़िले से अपने भाषण में मौजूदा सिविल कोड को सांप्रदायिक क्यों कहा? क्या ये बाबा साहब अंबेडकर और संविधान निर्माताओं का अपमान नहीं है? क्या उन्हें देश से माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए?
मोदी तिरंगे को लेकर इतनी अपील क्यों कर रहे हैं? बीजेपी तिरंगे को लेकर इस कदर उत्साहित क्यों है? क्या हिंदुत्व को तिरंगे से प्रेम हो गया है? हिंदुत्ववादियों की तिरंगे के बारे में क्या राय रही है?
आख़िर वे कौन से सवाल हैं जिनके जवाब मोदी सरकार नहीं देना चाहती? हिंडेनबर्ग के भँडाफोड़ से बचने के लिए कांग्रेस पर हमला करने की उसकी रणनीति कितना काम करेगी? क्या ED द्वारा राहुल गाँधी से पूछताछ से लोगों का ध्यान बँटेगा?
योगी सरकार के फ़रमान पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम रोक लगाना कितना बड़ा झटका है? क्या ये उन राज्यों के लिए भी कड़ा संदेश नहीं है जो योगी की राह पर चलने लगे थे या चलने की तैयारी कर रहे थे?
योगी ने काँवडियों के नाम पर सांप्रदायिक कॉर्ड खेलकर क्या मोदी सरकार को फँसा दिया है? सहयोगी दलो का विरोध क्या सरकार को अस्थिर कर सकता है? सरकार को बचाने के लिए क्या मोदी योगी की बलि ले सकते हैं?
बाल बुद्धि के जवाब में बैल बुद्धि आ गया। उधर से जब जब बाल बुद्धि का तीर छोड़ा जाता तो इधर से बैल-बुद्धि के प्रक्षेपास्त्र चलने लगते। यानी मुक़ाबला दिलचस्प हो गया।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का ये आरोप कितना सही है कि राहुल गाँधी मोदी के ख़िलाफ़ हिंसा भड़का रहे हैं? क्या मोदी और बीजेपी नेताओं के बयान कहीं ज़्यादा भड़काऊ नहीं हैं? प्रो. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- प्रो. अपूर्वानंद, प्रो. आनंद कुमार और राहुल देव-
क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से स्वस्थ हैं? नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन के मौक़े पर उन्होंने जो किया वह क्या साबित करता है? उनकी हाल की हरकतों के मद्देनज़र क्या ये संदेह पैदा नहीं होता कि वे बिहार सरकार चलाने में सक्षम हैं या नहीं?
क्या कांग्रेस लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन को अपने कायाकल्प के लिए इस्तेमाल कर सकती है? क्या इसके लिए उसके पास कोई रोड मैप तैयार है? क्या राहुल की टीम नई काँग्रेस बनाने के लिए तैयार है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतने निम्न स्तरीय बयान क्यों दे रहे हैं? क्या उन्हें इंडिया का उभार डराने लगा है? उनके बयानों से बीजेपी को फ़ायदा होगा या नुक़सान?
मोदी बार-बार अपने बयानों से पलट क्यों रहे हैं? इस यू टर्न के क्या हैं मायने? क्या वे हार के डर से ऐसा कर रहे हैं? कहीं जान-बूझकर भ्रम तो पैदा नहीं कर रहे मोदी?
चुनाव में कोई लहर क्यों नहीं दिख रही? क्या कोई अंडर करंट है जिसे कोई पढ़ नहीं पा रहा? अगर ये बिना लहर का चुनाव हुआ तो क्या होगा? किसको नुक़सान और किसको फ़ायदा होगा?