सरकार ने हाथ झाड़ लिए हैं और प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया की भूमिका भी बहुत उत्साहजनक नहीं लगती। ऐसे में तब्लीग़ी जमात के बहाने मुसलमानों को निशाना बनाने वाले मीडिया को कैसे सुधारा जाए? पेश है ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन के पूर्व महासचिव एन. के. सिंह से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने शोध में पाया है कि कोरोना से संक्रमित मरीज़ों के 80-90 प्रतिशत घरवालों को कोरोना नहीं फैलता। सवाल उठता है कि क्यों, इसकी क्या वज़ह हो सकती हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने IIPH के निदेशक डॉ. दिलीप मावलंकर से इस बारे में बातचीत की। पेश हैं उसके अंश।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी को चेतावनी दी है कि अगर उसने कश्मीर के सवाल पर विदेश मंत्रियों का सम्मेलन न बुलाया तो पाकिस्तान खुद सम्मेलन करेगा। उसकी इस धमकी को ओआईसी और सऊदी अरब किस रूप में लेंगे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण
बहुत से लोगों का मानना है कि अब हिंदुत्ववादी राजनीति का समय है, मगर सवाल उठता है कि ये राजनीति हमें कहाँ ले जाएगी? क्या ये उन समस्याओं का समाधान कर सकेगी जिनसे पूरा देश जूझ रहा है या ये केवल उन्माद से ही खेलती रहेगी? पेश है जाने-माने पत्रकार और राजनीतिक पंडित डॉ. वेदप्रताप वैदिक से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत
बीजेपी नेता मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल बनाए गए हैं। मगर सवाल उठता है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सिपहसालारों के पास कोई स्पष्ट रोड मैप नहीं है तो वे क्या कर पाएँगे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद एक बार फिर से ये माहौल बन गया है मानो अब हिंदुत्ववादी राजनीति ही अब हावी रहेगी और विपक्ष को उसके सुर में सुर मिलाना होगा। लेकिन क्या इसमें कुछ सचाई है, क्या विपक्षी दलों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है ? पेश है वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश से मुकेश कुमार की बातचीत
अयोध्या में भूमि पूजन के बाद की राजनीति की दिशा और दशा क्या होगी? क्या इससे हिंदूत्ववादी राजनीति और भी आक्रामक होगी और होगी तो उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी?
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाए जाने को एक साल बीत गया है। इस एक साल में ये राज्य कितना बदला है? अवाम कितना खुश हैं? और क्या वे वादे पूरे होते दिख रहे हैं जो इन धाराओं को हटाते वक़्त किए गए थे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने कश्मीर टाइम्स की एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन से इन्हीं सब सवालों पर बात की। पेश है बातचीत के महत्वपूर्ण अंश
धारा 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के हालात कितने बदले हैं, वहाँ के अवाम क्या सोच रहे हैं, वे नाउम्मीद हैं या उन्हें इसे अँधेरे में उम्मीद की कोई रौशनी दिखलाई दे रही है। पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की श्रीनगर स्थित वरिष्ठ पत्रकार हारुन रेशी से बेबाक बातचीत।