बाबरी मसजिद विध्वंस में अदालत द्वारा साज़िश के आरोपों से बरी किए जाने के बाद लाल कृष्ण आडवाणी ख़ुश हैं कि वह दोषमुक्त हो गए हैं, लेकिन क्या वह ख़ुद को दोषमुक्त मानते होंगे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार खुला ख़त लिखकर उठा रहे हैं सवाल।
विपक्ष बिखरा हुआ है और एनडीए के पास धनबल, बाहुबल यानी हर तरह की ताक़त है। तो क्या मान लिया जाए कि बिहार में उसकी जीत तय है या फिर मतदाता कुछ और ग़ुल खिला सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि राफेल की निर्माता कंपनी दसॉ एविएशन भारत में निवेश और टेक्नालॉजी देने के मामले में अपना वादा पूरा नहीं कर रही। सवाल उठता है कि इस मामले में चुप क्यों है, वह दसाँ पर दबाव क्यों नहीं डाल रही है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के राजनीतिकरण के बाद से बॉलिवुड लगातार निशाने पर है। एक तरफ तो उसे ड्रग्स तथा अपराधों का अड्डा बताया जा रहा है और दूसरी ओर कंगना रानौत, पायल घोष जैसे लोग चुन-चुनकर फिल्मी हस्तियों पर हमले कर रहे हैं। क्या इसके पीछे कोई एजेंडा है और अगर है तो वह क्या है? पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट। Satya Hindi
बीजेपी ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह को बिहार गौरव बताते हुए राज्यसभा के प्रकरण को चुनाव में भुनाना शुरू कर दिया है। ये बहुत दुखद है मगर इससे भी बड़ी चिंता ये है कि सरकार सियासत के लिए संसद को कमज़ोर कर रही है, उसकी बलि चढ़ा रही है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट। Satya Hindi
पिछले एक हफ़्ते से मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में दलील दिए जा रही है कि न्यूज़ चैनलों को छोड़ो और डिजिटल मीडिया को कंट्रोल करो। आख़िर सरकार इलेक्ट्रानिक मीडिया को क्यों छोड़ना चाहती है और डिजिटल मीडिया के पीछे क्यों पड़ गई है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।