Suniye Sach। क्या ‘व्यक्तिगत आज़ादी’ सिर्फ़ अर्णब के लिए है? बिहार में बीजेपी बन गई है बड़ा भाई क्या करेंगे नीतीश? क्या राहुल गाँधी में पार्टी चलाने की योग्यता है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि बीजेपी तीन बार से सत्ता में रहने के बावजूद ज़्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही। यह कितना सच है?
आपने अकसर चैनल मालिकों और संपादकों को यह कहते हुए सुना होगा कि रिमोट तो दर्शकों के हाथ में है, पसंद उनकी है, वे चाहें तो कोई चैनल देखें या न देखें। लेकिन क्या यह इतनी सीधी सी बात है? क्या यह सचमुच में दर्शकों के हाथ में है?
ऊपर से देखने से लगता है कि टीआरपी के खेल ने न्यूज़ चैनलों को अराजक और ग़ैर-ज़िम्मेदार बना दिया है। मगर सचाई यह है कि इसमें सरकारों का भी बहुत बड़ा हाथ है। केबल टीवी अधिनियम को ठीक से लागू कराया जाता तो ऐसे हालात नहीं होते।
Suniye Sach। ट्रंप नहीं जीते तो होगा बवाल ? अर्णब की गिरफ़्तारी और प्रेस की आज़ादी में क्या है कोई संपर्क? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
Suniye Sach। बिहार चुनाव में दूसरे चरण के मतदान से क्या मिले संकेत? पेरिस के बाद वियना में आतंकी हमले के मायने? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ.
न्यूज़ चैनलों की ओर से एनबीए अक्सर तर्क देता है कि उसके द्वारा बनाया गया आत्म-नियमन का तंत्र अच्छे से काम कर रहा है। लेकिन क्या सच में ऐसा है यह एक छलावा है? यह छलावा नहीं है तो फिर टीआरपी स्कैम कैसे हो गया?
Suniye Sach। फ्रांस हिंसा की निंदा क्यों नहीं कर रहे मुसलिम संगठन? बिहार में दूसरे चरण में किसका पलड़ा भारी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का खास विश्लेषण