किसान मानने के मूड में नहीं क्या करेगी सरकार? क्या भारत में ज़्यादा लोकतंत्र विकास रोक रहा है? गहलोत सरकार को क्यों लगा झटका? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
किसान आंदोलन: आज भी नहीं बनी बात, होगा भारत बंद। यूपी का विपक्ष किसान आंदोलन पर ग़ायब क्यों है? खट्टर सरकार को ले डूबेगा किसान आंदोलन? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बीजेपी की हिंदुत्ववादी ध्रुवीकरण की राजनीति उसे किस पैमाने पर कामयाबी दिला सकती है।
जो सरकार बोल रही है उसको लिख क्यों नहीं सकती? किसानों के समर्थन में अवॉर्ड वापसी, बीजेपी का बिगड़ा समीकरण! क्या शहद में मिलावट कर फ्रॉड कर रहे हैं बाबा रामदेव? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का खास विश्लेषण। Satya Hindi
पहले मीडिया ने किसान आंदोलन के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार अभियान छेड़ा और अब बीजेपी नेता भी उसके साथ जुगलबंदी कर रहे हैं। ऐसे में संदेह हो रहा है कि कहीं सरकार आंदोलन को बदनाम करके ख़त्म करने की रणनीति पर तो काम नहीं कर रही? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
प्रसिद्ध कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार को एक और कानून लाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देना चाहिए। किसानों के साथ समझौते का यही सबसे बड़ा आधार हो सकता है।
झारखंड के आदिवासियों के लिए काम करने वाले 83 वर्ष के बुज़ुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी पार्किंसन नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। जेल में उन्हें स्ट्रॉ और सिपर कप जैसी छोटी-मोटी ज़रूरत की चीज़ें भी नहीं मिल रही हैं?
Suniye Sach। किसानों को खाली हाथ लौटा पाएगी मोदी सरकार ? किसानों और मजदूरों को अनदेखी कर कथित ‘लव जिहाद’ पर ध्यान देना ज़्यादा ज़रूरी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
बिहार में विधानसभा स्पीकर के चुनाव में विपक्ष ने दिखाई ताकत! ‘लव जिहाद’ में उलझी मोदी सरकार किसानों को कब तक अनसुना करेगी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का खास विश्लेषण
हैदराबाद के स्थानीय चुनाव में बीजेपी नेता पाकिस्तान, मुसलमान, रोंहिग्या और सर्जिकल स्ट्राइक आदि की बात क्यों कर रहे हैं? बात बीफ और सुअर की बिरियानी तक क्यों पहुँच गई है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने पाँच सीटें क्या जीतीं, वे तमाम दलों के निशाने पर आ गए। अभी तक उन्हें बीजेपी का एजेंट भर कहा जाता था, मगर अब वे जिन्ना से लेकर गली के गुंडे तक जाने क्या-क्या कहे जाने लगे हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
Suniye Sach। शाह की तमिलनाडु यात्रा का सोशल मीडिया पर विरोध क्यों? कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव पर क्यों मचा है बवाल? कामरा क्यों जानबूझकर फंस रहे हैं? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण.