पहले मीडिया ने किसान आंदोलन के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार अभियान छेड़ा और अब बीजेपी नेता भी उसके साथ जुगलबंदी कर रहे हैं। ऐसे में संदेह हो रहा है कि कहीं सरकार आंदोलन को बदनाम करके ख़त्म करने की रणनीति पर तो काम नहीं कर रही? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
प्रसिद्ध कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार को एक और कानून लाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देना चाहिए। किसानों के साथ समझौते का यही सबसे बड़ा आधार हो सकता है।
झारखंड के आदिवासियों के लिए काम करने वाले 83 वर्ष के बुज़ुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी पार्किंसन नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। जेल में उन्हें स्ट्रॉ और सिपर कप जैसी छोटी-मोटी ज़रूरत की चीज़ें भी नहीं मिल रही हैं?
Suniye Sach। किसानों को खाली हाथ लौटा पाएगी मोदी सरकार ? किसानों और मजदूरों को अनदेखी कर कथित ‘लव जिहाद’ पर ध्यान देना ज़्यादा ज़रूरी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
बिहार में विधानसभा स्पीकर के चुनाव में विपक्ष ने दिखाई ताकत! ‘लव जिहाद’ में उलझी मोदी सरकार किसानों को कब तक अनसुना करेगी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का खास विश्लेषण
हैदराबाद के स्थानीय चुनाव में बीजेपी नेता पाकिस्तान, मुसलमान, रोंहिग्या और सर्जिकल स्ट्राइक आदि की बात क्यों कर रहे हैं? बात बीफ और सुअर की बिरियानी तक क्यों पहुँच गई है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने पाँच सीटें क्या जीतीं, वे तमाम दलों के निशाने पर आ गए। अभी तक उन्हें बीजेपी का एजेंट भर कहा जाता था, मगर अब वे जिन्ना से लेकर गली के गुंडे तक जाने क्या-क्या कहे जाने लगे हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
Suniye Sach। शाह की तमिलनाडु यात्रा का सोशल मीडिया पर विरोध क्यों? कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव पर क्यों मचा है बवाल? कामरा क्यों जानबूझकर फंस रहे हैं? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण.
Suniye Sach। चीन की हरकतें बढ़ रहीं, मोदी कब तक रहेंगे चुप? सेना ने कैसे मीडिया की ‘फर्जिकल स्ट्राइक’ की हवा निकाली? सभी पत्रकारों के लिए क़ानून एक जैसा नहीं है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
कई प्रदेश लव जिहाद कानून बनाने जा रहे हैं, मगर नारीवादी कार्यकर्ता और सीपीआईएमएल के पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन का कहना है कि ये स्त्रियों की आज़ादी पर हमला है।
हालाँकि लव जिहाद के सबसे बड़े झंडाबरदार योगी आदित्यनाथ रहे हैं, मगर अब दूसरे बीजेपी शासित राज्य भी इस मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठा रहे हैं। उन्होंने इसे रोकने के लिए कानून बनाने की भी घोषणा कर दी है। पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
शिरीष कुमार मौर्य का नया कविता संग्रह रितुरैण इस विश्वास को और भी पुख़्ता करता है कि एक कवि के रूप में उनकी यात्रा नए मार्गों का अन्वेषण करते हुए निरंतर आगे बढ़ रही है।
बिहार चुनाव में घटिया प्रदर्शन ने काँग्रेस नेतृत्व को एक बार फिर से निशाने पर ला दिया है। काँग्रेस के अंदर और बाहर दोनों ओर से उस पर हमले हो रहे हैं, लेकिन वह चुप है। क्या है इस चुप्पी की वज़ह? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
Suniye Sach। क्या कुणाल कामरा ने कुछ भी ग़लत नहीं बोला? भारत क्या दो मोहरों पर लड़ने के लिए तैयार है? राम माधव को क्यों किया जा रहा है बीजेपी में दरकिनार? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का धारदार विश्लेषण। Satya Hindi