रिटायर्ड अफ़सरों के संविधान की रक्षा में हस्तक्षेप करते रहने वाले समूह में बड़ी बेचैनी है । प्रधानमंत्री द्वारा धर्म / मंदिर/ नफ़रत का चुनावी स्तेमाल किये जाने के विरूद्ध लिखी उनकी चिट्ठियों पर चुनाव आयोग के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही !
सुप्रीम कोर्ट ने आज इलेक्टोरल बांड के मसले पर सुनवाई करते हुए स्टेट बैंक से कड़े शब्दों में कहा कि बृहस्पतिवार की शाम तक वह बांड से संबंधित सभी जानकारी जनता के समक्ष प्रस्तुत करें और इस आशय का हलफ़नामा दायर करें ।
तीन फ़रवरी को लद्दाख के क़रीब बीस हज़ार से ज़्यादा लोग सड़कों पर उतर आये थे । वे अपने लिए पूर्ण राज्य की माँग कर रहे हैं । यह उस शहर की लगभग एक तिहाई वयस्क आबादी के बराबर है । अब सोनम वांगचुक इन्हीं माँगों के लिए आमरण अनशन पर जा रहे हैं । यह सब क्यों हो रहा है?