किसान सरकार के चौथे दौर की बातचीत में की गई पेशकश को खारिज करने के बाद अपनी मांगों को लेकर आक्रामक नज़र आ रहे हैं। जानिए, किसानों ने अब क्या मांग की है।
एमएसपी की क़ानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आख़िर सरकार के चौथे दौर की बातचीत में की गई पेशकश को क्यों खारिज किया? जानिए, सरकार की क्या थी पेशकश।
केंद्र सरकार और आंदोलनरत किसानों के नेताओं के साथ रविवार की देर रात चौथे दौर की वार्ता हुई। खबर है कि दोनों पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल पर बातचीत हुई है। केंद्र सरकार ने किसानों को 4 फसलों मक्का, कपास, अरहर और उड़द पर एमएसपी देने का प्रस्ताव दिया है।
पिछले दस सालों में किसानों से किया गया क्या एक भी वादा पूरा हुआ? स्वामीनाथन कमेटी की एमएसपी की सिफारिश, किसानों की आय 2022 तक दोगुनी, पिछले किसान आंदोलन के दौरान का वादा? किसानों का ग़ुस्सा कितना जायज?
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत रविवार 18 फरवरी को फिर से है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा, ''अगर सरकार चाहे तो रातों-रात अध्यादेश ला सकती है। अगर सरकार समाधान चाहती है, तो उसे अध्यादेश लाना चाहिए।
किसानों का आंदोलन तीसरे दिन शांत है। हालांकि उन्होंने पंजाब के अधिकांश टोल प्लाजा पर कब्जा करके प्रदर्शन किया और बठिंडा में एक रेलवे लाइन पर भी रेल ट्रैफिक रोका गया। लेकिन कहीं से किसी हिंसा की सूचना नहीं है। शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर उनका लंगर यथावत चल रहा है। सभी को गुरुवार शाम 5 बजे होने वाली किसान नेताओं और केंद्र सरकार की बैठक का इंतजार है।
आर्थिक मामलों के जानकार बताते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी वह मूल्य है जिसकी गारंटी सरकार किसानों को देती है कि कम से कम इतना मूल्य उन्हें उनकी फसल पर मिलेगा।
भारत के महान कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की बेटी मधुरा स्वामीनाथन ने कहा कि भारत के किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाए। मोदी सरकार ने हाल ही में एम स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है। मधुरा स्वामीनाथन का बयान ऐसे समय आया है, जब किसान दिल्ली आना चाहते हैं लेकिन उन्हें हरियाणा पुलिस ने ताकत के जोर पर रोक दिया है। किसान हरियाणा के बॉर्डर पर जुटे हुए हैं।
किसानों ने बुधवार 14 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर जब आगे बढ़ने की कोशिश की तो उन पर हरियाणा पुलिस ने फिर से आंसू गैस के गोले बरसाए। लेकिन किसान हिम्मत नहीं हारे हैं। वे रात से ही शंभू बॉर्डर और जींद में खनौरी बॉर्डर पर जमे हुए हैं। बुधवार को पंजाब के गांवों से और भी जत्थे शंभू बॉर्डर आने लगे हैं। आज के ताजा हालात जानिएः
पश्चिमी यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत ने शंभू बॉर्डर पर किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसाने, उन्हें पीटने की निन्दा की है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम लोग उनसे दूर नहीं हैं। इस बीच ममता बनर्जी समेत समूचे विपक्ष ने शंभू बॉर्डर पर हुई घटना की निन्दा करते हुए इस सरकार की तानाशाही बताया है।
पंजाब और हरियाणा के किसानों का दिल्ली की ओर कूच चार साल पहले उनके प्रदर्शन को याद दिलाता है। जानिए, चार साल पहले किसलिए प्रदर्शन हुआ था और क्या हासिल हुआ था।
पंजाब के फतेहगढ़ से रवाना हुए किसानों के काफिले को हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोका गया और हरियाणा पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले बरसाए। कुछ देर बाद किसानों ने अपने ट्रैक्टरों से सीमेंट के बैरिकेड तोड़ दिया और हरियाणा की सीमा में घुस आए। किसान आगे बढ़ रहे हैं।