संघ प्रमुख मोहन भागवत हिन्दू राष्ट्र की कल्पना पर ज़ोर देते हैं, लेकिन साथ ही अब सामाजिक समरसता और दूसरे समुदाय के लोगों से संपर्क को बढ़ावा देना भी चाहते हैं। क्या भागवत संघ को बदलने की कोशिश में हैं?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मोहन भागवत ने एक बार फिर कहा है कि मुसलमान भारत में आक्रमणकारी बन कर आए थे, जबकि सच यह है कि वे यहां सबसे पहले व्यापारी बन कर आए थे।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । भागवत बोले - हर भारतीय हिंदू, हिंदू-मुसलमानों के पुरखे एक थे । भागवत : भारत में मुसलिमों को डरने की ज़रूरत नहीं
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े पर बहस के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि मुसलिम समुदाय के समझदार मुसलिम नेताओं को अतिवाद का विरोध करना चाहिए।
आरएसएस राजनीतिक विरोधियों से गले मिलने की तैयारी कर रहा है ताकि यह भरोसा दिलाया जा सके कि संघ किसी विरोधी विचारधारा के ख़िलाफ़ नहीं है। आरएसएस हाईकमान देश के तमाम राज्यों के ग़ैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों से मुलाक़ात शुरू करेगा।
मोहन भागवत ने 20 अगस्त 2016 को आगरा में आरएसएस से जुड़े शिक्षकों के सम्मेलन में कहा था कि हिंदुओं को अपनी आबादी बढ़ाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे पैदा करना चाहिए। बीजेपी और संघ का क्या रहा है रुख?
भागवत के बयान पर हंगामा क्यों? यूपी चुनाव के पहले सीबीआई भी मैदान में। रद्द हो चुके क़ानून के तहत दर्ज़ हो गए हज़ार केस, सुप्रीम कोर्ट रह गया अचंभित। दिनभर की बड़ी ख़बरों का विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, “मोहन भागवत क्या यह विचार आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को भी देंगे?
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि लिंचिंग में शामिल लोग हिंदुत्व के विरोधी हैं और जो ये कहें कि मुसलमान इस देश में नहीं रह सकते, वे हिंदू नहीं हो सकते।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। RSS प्रमुख भागवत : लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। आज फिर बढ़े दाम, पेट्रोल-डीज़ल लगातार हो रहा महंगा। Mohan Bhagwat: people who are lynching others are going against Hindutva.
स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। हिंदू-मुस्लिम अलग नहीं, बल्कि एक हैं। भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए एक है। भारत में इस्लाम ख़तरे में नहीं है।