राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का दशहरा भाषण क्या बताता है? क्या वे हिंदू-मुस्लिम विमर्श से उबर पा रहे हैं? क्या उन्हें भुखमरी में भारत के 17 अंक नीचे गिरने की चिंता सताती है? क्या छह सौ किसानों की मौत उन्हें परेशान नहीं करती? क्या वे ग़रीबी, बेरोज़गारी, दलितों-स्त्रियों पर अत्याचार, कार्पोरेट लूट आदि पर कुछ बोलेंगे?