क्या मोहन भागवत के निशाने पर पीएम मोदी हैं? क्या उन्होंने पीएम मोदी के नॉन बायोलॉजिकल वाले बयान का फैक्ट चेक कर दिया है? जानिए, चुनाव बाद भागवत के बयान को पीएम मोदी पर कटाक्ष के रूप में क्यों देखा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जिस तरह की कड़ी टिप्पणी की है क्या संघ बीजेपी के ख़िलाफ़ हो गया है? जानिए, आख़िर इसके मायने क्या हैं।
‘To be or not to be’. That is precisely what is going on between UP Chief Minister Yogi Adityanath and RSS chief Mohan Bhagwat.
The two were going to have a closed-door one- on- one meeting in Yogi’s hometown Gorakhpur. Bhagwat stayed there for nearly four days but the meeting eventually never materialised. Surely there is something cooking behind the scenes . Let us find out.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पांच दिन गोरखपुर में गुजार कर चले गए और कोई बड़ी खबर नहीं बनी। लेकिन एक खबर बनी कि भागवत और योगी 30 मिनट तक बंद कमरे में बात करते रहे। लेकिन मीडिया के बड़े वर्ग ने यही खबर बताई को दोनों की कोई मुलाकात नहीं हुई। अब सवाल यह है कि अगर मुलाकात हुई है तो दोनों ने क्या खिचड़ी पकाई, जिसकी खबर मोदी-शाह को नहीं है। दूसरा सवाल है कि अगर मुलाकात नहीं हुई तो क्यों नहीं हुई, क्या योगी के जाने के दिन नजदीक आ गए हैं। पढ़िएः
संघ प्रमुख मोहन भागवत गोरखपुर प्रवास पर रहे. योगी भी वहीं थे और मुलाकात का समय भी मांगा पर मुलाकात नहीं हुई. क्या वज़ह है इसके पीछे?आज की जनादेश चर्चा.
मोहन भागवत से लेकर इंद्रेश कुमार तक चुनाव नतीजों को अहंकार से क्यों जोड़ रहे हैं? क्या संघ बीजेपी के ख़िलाफ़ हो गया है या फिर संघ की कुछ और ही ‘चाल’ है?
संघ के तेवर बदले हुए है. भागवत गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में प्रवास कर रहें है वे योगी आदित्यनाथ के अतिथि हैं. योगी और शाह का सम्बंध जगजाहिर है. दूसरी तरफ संघ के दिग्गज प्रचारक इंद्रेश कुमार ने बिना नाम लिए नेता के अहंकार का मुद्दा उठाया. सभी जानते हैं निशाने पर मोदी हैं. संघ की रणनीति क्या है?आज की जनादेश चर्चा.
आख़िर संघ एकदम से मोदी पर ही क्यों टूट पड़ा है? उसे दूसरे बीजेपी नेताओं का अहंकार क्यों नहीं दिख रहा? वह अभी तक क्यों चुप रहा था? क्या संघ मोदी के लिए कोई बिसात बिछा रहा है?
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर के बाद अब एक और बड़े आरएसएस नेता ने बीजेपी पर हमला क्यों किया? जानिए, इंद्रेश कुमार ने चुनाव नतीजों पर क्या कहा।
हमें जो चाहिए क्या उसे देने के लिए इंडिया (गठबंधन) तैयार है? क्या उसने लोकसभा चुनाव में गठबंधन बनाकर आंशिक सफलता अर्जित करके अपना संतोष पा लिया है और सत्ता न मिलने पर बिखरने को तैयार है या फिर वह लोकतंत्र और संविधान की लड़ाई को लंबे समय तक लड़ने के लिए तैयार है?
संघ प्रमुख भागवत ने मोदी पर तीखे हमले क्यों किए? उन्हें परोक्ष रूप से अहंकारी, झूठा और समाज को बाँटने वाला क्यों बताया? आख़िर क्या है उनका सीक्रेट प्लान?
मोदी मंत्रिमंडल का गठन । लेकिन आरएसएस नाराज । संघ प्रमुख का हमला, सेवक कभी अहंकारी नहीं होता । जो अहंकारी है वो सेवक नहीं होता । ऐसे में कैसे चलेगी मोदी सरकार ? कैसे पूरे होंगे पाँच साल ? आशुतोष के साथ विनोद अग्निहोत्री, विजय त्रिवेदी, कार्तिकेय बत्रा, अफ़रीदा रहमान और यशोवर्धन आजाद
मणिपुर में पिछले साल 3 मई से शुरू हुई हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इस पर मोदी सरकार की हो रही तीखी आलोचनाओं के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की कड़ी प्रतिक्रिया आई है। जानिए, उन्होंने क्या कहा।
आरक्षण पर बीजेपी के मातृ संगठन आरएसएस की राय को लेकर अक्सर विवाद होता रहा है। अब फिर से इस पर बीजेपी और कांग्रेस में विवाद है तो मोहन भागवत ने आरक्षण का समर्थन किया है। आख़िर उन्हें बार-बार इस पर सफाई क्यों देनी पड़ती है, क्या संघ के पहले की राय में बदलाव आया है?