दिल्ली पुलिस की चार सदस्यीय टीम पत्रकार और ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को लेकर उनके बेंगलुरु स्थित आवास पहुंच गई है। वहां उसे लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद करने हैं। इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट 1 जुलाई को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।
एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर यूएन से जुड़ी एजेंसियों ने तीखी टिप्पणियां की हैं। उस पर भारत के विेदेश मंत्रालय ने बुधवार को जवाब दिया। इस जवाब के बावजूद विदेशों में दोनों की गिरफ्तारी पर विरोध रुक नहीं पा रहा है।
दिल्ली की कोर्ट ने पत्रकार मोहम्मद जुबैर का 4 दिनों का पुलिस रिमांड मंजूर किया है। दिल्ली पुलिस ने 7 दिनों का रिमांड मांगा था। लेकिन इस दौरान जुबैर के वकील की दलीलें सुनने लायक हैं। कोर्ट ने भी सुना लेकिन उसने जमानत नहीं दी।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । पत्रकार मोहम्मद जुबैर को पूछताछ के लिए बुलाया, फिर अरेस्ट कर लिया । महाराष्ट्र को तीन टुकड़ों में बांटने की साजिश कर रही बीजेपी: शिवसेना ।
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी से पूरे देश में आक्रोश है और इसको लेकर प्रेस निकायों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जानिए, एडिटर्स गिल्ड के बाद प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने क्या कहा है।
नफ़रत फैलाने वालों की सच्चाई उजागर करने वाले ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को गिरफ़्तार क्यों किया गया? ग़लत और फर्जी ख़बरों का भंडाफोड़ करने वाले ज़ुबैर निशाने पर क्यों? जानिए, सोशल मीडिया पर कैसी प्रतिक्रिया आई।
ऑल्ट न्यूज के संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस ने उन पर कथित धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है। मोहम्मद जुबैर लंबे समय से सत्ताधीशों को चुभ रहे थे। नूपुर शर्मा का मामला उठाने के बाद उन पर पुलिस की नजर थी।
ऑल्ट न्यूज़ के मुहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप क्यों लगा? क्या बजरंग मुनि, यति नरसिंहानंद और स्वामी आनंद स्वरूप को नफ़रती भाषण देने वाला बोलने से धार्मिक भावनाएँ भड़कती हैं?