Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। यूपी पुलिस ने SC में कहा- बजरंग मुनि एक सम्मानित धार्मिक नेता । सीतापुर मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद ज़ुबैर को अंतरिम जमानत दी ।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। वजह बताए बिना ही खाते ब्लॉक करने को कह रही सरकार: ट्विटर । जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन ।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सीतापुर मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद ज़ुबैर को अंतरिम जमानत दी । मुहम्मद ज़ुबैर केस : नफरत फैलाने वाले रिहा, एक्सपोज करने वाला जेल में ।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जेके माहेश्वरी की बेंच ने ज़ुबैर के वकील की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान क्या दलीलें दी गईं और क्या है यह पूरा मामला?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। SC में ज़ुबैर: UP पुलिस ने धर्मनिरपेक्ष लोगों को दबाने की रणनीति से FIR दर्ज की । 12 जुलाई से गेहूँ के आटे के निर्यात पर भारत ने लगाया बैन ।
मोहम्मद जुबैर के मामले में जर्मनी ने कहा है कि वो इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है। जर्मनी ने यह भी साफ कर दिया है कि वो लिखने-बोलने वाले पत्रकारों की गिरफ्तारी के खिलाफ है। जानिए पूरी बात।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । कांग्रेस : कन्हैयालाल का हत्यारा आतंकी रियाज BJP का सक्रिय सदस्य । मुहम्मद जुबैर को नहीं मिली बेल, कोर्ट के फैसले से पहले ही पुलिस को हो गई खबर ! ।
पत्रकार मोहम्मद जुबैर को जमानत न मिलने का फैसला शाम 7 बजे कोर्ट ने जारी किया। दिल्ली पुलिस की इस मामले में शनिवार को अच्छी खासी किरकिरी हुई लेकिन वो डैमेज कंट्रोल में लगी रही। लेकिन कोर्ट में शनिवार को जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने दिल्ली पुलिस के तमाम दावों की धज्जियां उड़ा दीं। इसके बावजूद जुबैर को जमानत नहीं मिल सकी। वृंदा ग्रोवर के तर्कों को सत्य हिन्दी पर गौर से पढ़िए।
पत्रकार और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के मामले की शनिवार को कोर्ट में सुनवाई थी। इससे पहले कोर्ट फैसला सुनाती, दिल्ली पुलिस ने मीडिया को खबर लीक कर दी कि जुबैर की जमानत अर्जी खारिज हो गई है और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
किसी पत्रकार या एक्टिविस्ट को टारगेट करने के लिए बीजेपी और उससे जुड़े कई नेता किस हद तक जा सकते हैं, उसका खुलासा द वायर की जांच से हुआ। ट्विटर पर 757 खाते बनाए गए और उनके जरिए ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को टारगेट किया गया। मकसद था उन्हें गिरफ्तार कराना।