लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम मोदी की राजनीतिक बयानबाजी रोजाना नए रूप में सामने आती है। कभी वो मुसलमानों को फुसलाते नजर आते हैं तो अगले दिन दूसरे समुदाय को डराते हुए नजर आते हैं कि इंडिया गठबंधन वाले मुसलमानों को आरक्षण दे देंगे। दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के सांसद, विधायक और नेता अभी भी संविधान बदलने की बात दोहरा रहे हैं। संविधान बदलने का मतलब आरक्षण पर खतरा। जानिए मोदी ने मंगलवार को बिहार के वयोवृद्ध नेता लालू यादव को क्या जवाब दिया हैः
मोदी के चुनावी भाषणों की वजह से भारत के मानवाधिकार की साख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दांव पर लग गई है। 1 मई को ग्लोबल एलायंस ऑफ़ नेशनल ह्यूमन राइट्स इंस्टीट्यूशन्स की बैठक हो रही है, जिसमें भारत के मानवाधिकार की रेटिंग घटाई जा सकती है। ऐसा हुआ तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब होगी। लेकिन मोदी को परवाह नहीं है। वो हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण के जरिए चुनाव जीतना चाहते हैं लेकिन भारत को मुश्किल में डालने जा रहे हैं।
पीएम मोदी लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के अभियान में भी हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। मोदी रविवार को कर्नाटक में थे, वहां उन्होंने राहुल गांधी पर हिन्दू राजाओं के अपमान का आरोप लगाया। मोदी ने बिना किसी संदर्भ के मुगल बादशाह औरंगजेब का नाम लिया। हालांकि राहुल गांधी ने अपने भाषण में न तो हिन्दू राजा कहा था और न ही किसी धर्म के राजा का जिक्र किया था। जानिए मोदी ने क्या कहाः
कांग्रेस के घोषणापत्र के संदर्भ में प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं के विवादित भाषण जनमानस में चर्चा का विषय बने हुए हैं। जो बातें कांग्रेस के घोषणापत्र में दूर-दूर तक नहीं हैं, पीएम मोदी और भाजपा के नेता जबरन कह रहे हैं कि वो उनके घोषणापत्र में लिखा है। क्या ये बयान सेल्फ गोल हैं, वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन ने इसी सेल्फ गोल को समझाया है, आप भी इसे पढ़कर समझिएः
चुनाव आयोग ने गुरुवार को ही मोदी को उनके बयानों के लिए नोटिस दिया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छीछालेदर हो चुकी है। लेकिन पीएम मोदी मान नहीं रहे हैं। जैसे उन्हें किसी की परवाह नहीं है। उन्होंने गुरुवार को पहले मुरैना में और बाद में आगरा फिर से मुसलमानों को टारगेट करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। मोदी ने विरासत टैक्स का मुद्दा उठाया और कहा कि इसे पूर्व पीएम राजीव गांधी ने अपने फायदे के लिए रद्द किया था। जानिए मोदी ने और क्या कहाः
मतदाताओं के लिए खुशखबरी है। भारत का चुनाव आयोग (ECI) जाग पड़ा है। चुनाव आयोग ने मोदी के साम्प्रदायिक भाषणों पर उनसे 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है। विपक्ष ने सबसे पहले आयोग में शिकायत की थी। इसके बाद भाजपा ने राहुल का भाषण तलाश कर शिकायत की। चुनाव आयोग ने बैलेंस बनाते हुए राहुल से भी 29 अप्रैल तक जवाब मांग लिया है।
पीएम मोदी ने मंगलवार को राजस्थान के टोंक जिले में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेता ने कहा है कि एक्सरे करके लोगों की संपत्ति का पता लगाएंगे, जो ज्यादा होगा, वो लोगों को बांट देंगे। ये मंगलसूत्र भी नहीं छोड़ेंगे। इस पंजे की इतनी हिम्मत। राजस्थान में भी एक पंजा बचना नहीं चाहिए। मोदी पिछली तीन रैलियों से यह आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या मोदी लगातार गलत बयान दे रहे हैं, क्या कांग्रेस के घोषणापत्र में वाकई ऐसी बात कही गई हैः
पीएम मोदी अपने साम्प्रदायिक भाषण पर घिरते जा रहे हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मोदी से हाथ जोड़कर अपील की है कि मोदी जनता के मुद्दों पर बात करें। हिन्दू-मुसलमान न करें। मोदी के साम्प्रदायिक भाषण की शिकायत चुनाव आयोग में भी पहुंची है। देश में तमाम विपक्षी नेता इस पर रविवार से ही टिप्पणी कर रहे हैं। लेकिन मोदी नहीं माने और सोमवार को अलीगढ़ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को माओवादी तक बता दिया।
पीएम मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं की 16 शिकायतें केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के पास पहुंच चुकी है। लेकिन चुनाव आयोग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। नरेंद्र मोदी के बयान पर तो कांग्रेस के ज्ञापन के बावजूद उसने कोई बयान तक नहीं दिया। इससे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता संकट में है। कांग्रेस ने सोमवार को फिर से मोदी की शिकायत चुनाव आयोग में की। जानिए पूरी बातः
पीएम मोदी के लाल किले से दिए गए भाषण में क्या नया था? चीन को लेकर अब क्या करेंगे पीएम मोदी? और क्या कश्मीर में चुनाव करा पाएगी मोदी सरकार? इन सभी मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार एन के सिंह, आशुतोष, विनोद अग्निहोत्री, उर्मिलेश, और मेजर जनरल (रि) ए के सिवाच से विजय त्रिवेदी की ख़ास बातचीत। Satya Hindi