महात्मा गांधी पर निम्नस्तरीय बयान देने वाले नरेंद्र मोदी शायद ही माफी मांगे। क्योंकि जिस शख्स ने मणिपुर की महिलाओं के आंसू पोंछने की जरूरत नहीं समझी, जो शख्स मुंबई के घाटकोपर में रोड शो करता रहा और वहां होर्डिंग गिरने से मारे गए लोगों के प्रति संवेदना नहीं दिखाई, उससे आप क्या उम्मीद कर सकते हैं। भाजपा जरूर एक पहल कर सकती है कि वो मोदी की तरफ से माफी मांग ले। लेकिन गोडसे और सावरकर के मानस पुत्रों से आप क्या उम्मीद कर सकते हैं। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव ने मोदी के गैरजिम्मेदाराना बयान पर कलम चलाई है। पढ़िएः