मोदी सरकार के सामने विपक्ष हो न हो, अब आम लोग हैं। नागरिकता क़ानून से लेकर जेएनयू हिंसा तक के मामले में लोग सड़कों पर हैं। हाथों में तिरंगा है। वंदे मातरम गा रहे हैं। शाहीन बाग़ इसका बड़ा उदाहरण है। तो क्या नया 'राष्ट्रवाद' आ गया है? क्या मोदी-शाह के 'राष्ट्रवाद' को चुनौती मिल रही है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।