लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद मोदी सरकार ने खाली रखा हुआ है। इस पर चुनाव नहीं कराया जा रहा है। आखिर मोदी सरकार ऐसा क्यों कर रही है। क्या इससे संविधान की गरिमा बनी रहेगी। ऐसे ही सवालों की पड़ताल वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने की हैः
जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव के बीच अब फिर से क़ानून मंत्री किरण रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट पर तंज कसा है। जानिए उन्होंने क्या कहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार के इस बजट पर बड़े सवाल खड़े किए हैं और इसे उनके 'मित्र' के लिए तैयार बजट क़रार दिया है। जानिए उन्होंने क्या क्या कहा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के आम चुनाव के पहले इस सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है, क्योंकि अगला बजट परंपरा के अनुसार अंतरिम बजट होगा। जानिए इस बजट की ख़ास बातें।
मोदी सरकार का मुलायम सिंह यादव को पद्म सम्मान देने के क्या मायने? क्या OBC समाज पर मोदी सरकार ने राजनीतिक अंक हासिल कर लिए? चुनावों में मोदी सरकार का पद्म दांव? Sharat Ki Do Took में इसी विषय पर चर्चा.
आम बजट के बस कुछ दिन ही रह गए हैं। आयकर स्लैब को बढ़ाने और टैक्स घटाने की मांग इस बार ज़ोर पकड़ चुकी है। चुनाव देखते हुए इसकी उम्मीद भी तेज़ है। तो क्या इस बार यह संभव होगा?
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद क्या भारत ने सख्ती नहीं दिखाई? जानिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने क्या आरोप लगाए।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद में मोदी सरकार की नीतियों की आज जमकर आलोचना की। जानिए उनका भाषण सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हो रहा है, आख़िर वह पप्पू किनको कह रही हैं।
लालच देकर या जबरन धर्मांतरण का मुद्दा क्या देश में बढ़ता जा रहा है? सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या क़दम उठाए हैं? जानिए, उसने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फ़ैसले को सही ठहराया है। तो क्या आपको पता है कि नोटबंदी से क्या फायदा हुआ या फिर सरकार क्या चाहती थी?
जिस ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति पाकिस्तान, बांग्लादेश और रवांडा जैसे देशों से ख़राब बताई गई उसको आख़िर सरकार ने किस आधार पर खारिज किया? जानिए सरकार का तर्क।
इंडियन एक्सप्रेस का खुलासा । मोदी सरकार के समय ED और CBI का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल विपक्षी नेताओं के खिलाफ ? ED ने 100 में 95 मामले विपक्ष के खिलाफ ? क्यों ऐसा ? किसलिए ? आशुतोष के साथ चर्चा में फ़िरदौस मिर्ज़ा, अजय आशिर्वाद, राकेश सिन्हा और यशोवर्धन आजाद ।
जिस राजपथ पर कोई भी अधिकार की बात कर सकता था, जहां किसानों, मजदूरों और छात्रों ने कई बार विरोध के अपने अधिकार को पुष्ट किया, उसका नाम बदलकर ‘कर्तव्य’ पथ क्यों किया गया? जानिए इसके क्या मायने हैं।