लोकसभा के 5 दिवसीय विशेष सत्र की अचानक घोषणा से मोदी सरकार की मंशा पर स्वाभाविक रूप से संदेह पैदा हो गया है। और सरकार द्वारा अपनाई गई गोपनीयता और भी सस्पेंस पैदा करती है. प्रधानमंत्री क्या करते हैं ये एक मिलियन डॉलर सवाल है
मोदी सरकार ने क्या आरबीआई से अतिरिक्त रुपये उगाहने के लिए दबाव डाला था? क्या इन वजहों से सरकार और आरबीआई में टकराव हुआ था? जानिए पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने क्या दावा किया है।
डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने मणिपुर, हरियाणा हिंसा को लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया है। जानिए, उन्होंने पूरे देश के लिए उन्होंने क्या चेतावनी दी है।
‘एक देश-एक चुनाव’ के लिए जिस हद तक संविधान संशोधन की आवश्यकता पड़ेगी क्या वह 2024 से पहले संभव है? क्या इसका असर राज्यों के अधिकार पर नहीं पड़ेगा जिसका संबंध संविधान के बुनियादी ढाँचे से भी है?
पेगासस से जासूसी करने के आरोपों का अभी निपटारा हुआ नहीं है कि मोदी सरकार पर अब इजरायली कंपनियों के टूल्स का इस्तेमाल कर लोगों की जासूसी करने का आरोप लगा है। जानिए, क्या मामला है।
लोकसभा चुनाव में बस कुछ महीने बाकी हैं और अब उससे पहले घरेलू सिलेंडर के दाम करने का फ़ैसला क्यों लिया गया? क्या इस फ़ैसले का चुनाव से कुछ भी लेना-देना नहीं है?
यह एक बड़ा दिन है जब सीएजी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाक के नीचे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है। अमित शाह का केंद्रीय गृह मंत्रालय इस सूची में सबसे ऊपर है, उसके बाद नितिन गडकरी का भूतल परिवहन मंत्रालय है। क्या इस रिपोर्ट के बाद कुछ बदलेगा?
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने पेश किया। जानिए, उन्होंने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी को कैसे घेरा।
कांस्टेबल चेतन सिंह द्वारा एक्सप्रेस में लोगों को गोलियों से भूनने के क्या मायने हैं? क्या इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए? क्या सरकार नागरिकों की असुरक्षा को भूल कर खुद की सुरक्षा में लग गई है?
क्या पीएम मोदी लुई 14वें की ‘मैं ही राज्य हूँ’ की नीति पर ही चल रहे हैं। लेकिन पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का तो यही कहना है। हालांकि भारत में फ्रांस जैसी स्थितियां नहीं हैं कि यहां क्रांति हो। फिर भी आप इस लेख को पढ़िए क्योंकि वक्त और हालात बदलते देर नहीं लगती।
इससे अधिक हास्यास्पद, तर्कहीन और नकारात्मक बात क्या हो सकती है कि प्रधानमंत्री देश के विपक्ष पर देश के विकास को रोकने का आरोप लगाए। पत्रकार वंदिता मिश्रा का कहना है कि पीएम मोदी की गारंटियों पर अब और भरोसा नहीं किया जा सकता है। पढ़िएः