किसान आंदोलन के साथ मोदी सरकार का व्यवहार क्या कहता है? क्या उसका चरित्र तानाशाही वाला है? आंदोलनकारियों के साथ वह बर्बरता से पेश क्यों आती है? वह उन्हें देशद्रोही, अपराधी क्यों साबित करने मे क्यों जुटी रहती है? क्या मोदी का विश्वास लोकतंत्र में नहीं है? वे रूस और चीनी शासकों की तरह देश क्यों चलाना चाहते हैं?