देश के तमाम जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए एक देश एक चुनाव की घोषणा जल्दबाजी में तो कर दी गई लेकिन इसे 2034 से पहले लागू करना संभव नहीं है। मोदी सरकार चाहती है कि विपक्ष अडानी घूसकांड का मुद्दा छोड़कर इसी पर बहस करे। लेकिन खुद सरकार के सूत्र कह रहे हैं कि इस डिजाइन का चुनाव तो 2029 में संभव ही नहीं है।
राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को खारिज क्यों किया जा रहा है? आख़िर नियम 267 में ऐसा क्या है कि मोदी सरकार इसके लिए तैयार नहीं है?
क्या मोदी सरकार जॉर्ज सोरोस की मदद कर रही है? वह भी करोड़ों रुपये देकर? जानिए, जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर भारत विरोधी साज़िश रचने के बीजेपी के आरोप झेल रही कांग्रेस ने क्या पलटवार किया।
जब बोफोर्स तोपों के सौदे में घूस का बवाल खड़ा किया जा सकता है, तब सोरोस कांड को भी उजागर किया जा सकता था। लेकिन, भाजपा के नेता खामोश रहे। पर अडानी कांड का विस्फोट होते ही सोरोस को क्यों उछाल दिया गया?
'एक देश एक चुनाव' पर सरकार व्यापक समर्थन प्राप्त करने के प्रति आशावादी है, लेकिन इस प्रस्ताव पर तीखी राजनीतिक बहस छिड़ने की संभावना है। जानिए, संसद में सरकार की क्या स्थिति है।
जनगणना होने से क्या देश की वास्तविक स्थिति का अंदाज़ा नहीं लग जाएगा? बेरोजगारी कितनी है, गरीबी कितनी बढ़ी? सरकार देरी क्यों कर रही है? आख़िर जनगणना नहीं होने की वजह से कितना बड़ा नुक़सान हो रहा है?
केंद्र सरकार आख़िर बलात्कार पर मौजूदा उन कानूनों का समर्थन क्यों किया है जो पति और पत्नी के बीच यौन संबंधों को अपवाद बनाते हैं? पति-पत्नी में जबरन संबंध बनाने को अपराध घोषित करने का विरोध क्यों?
कुणाल कामरा ने याचिका दाखिल कहा है कि वह एक राजनीतिक व्यंग्यकार हैं, जो अपनी सामग्री साझा करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर निर्भर हैं और इन नियमों के कारण उनकी सामग्री पर मनमाने ढंग से सेंसरशिप हो सकती है।
मणिपुर में हिंसा फिर से शुरू हो गई है। ड्रोन से हमले किए जा रहे हैं और उपद्रवी रॉकेट बनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं। जानिए, केंद्र सरकार क्या कर रही है?
आयुष्मान भारत को दुनिया की सबसे बड़ी बीमा योजना बताया जाता है। यह फिलहाल सबसे गरीब 40 प्रतिशत लोगों को सालाना 5 लाख रुपये का कवरेज देती है। जानिए, अब क्या बदलाव किया गया।
यूपीएससी ने लैटरल एंट्री मोड के जरिए भरे जाने वाले संयुक्त सचिवों के 10 और निदेशकों/उप सचिवों के 35 पदों का विज्ञापन जारी किया है। जानिए, इस पर बवाल क्यों मचा है और एनडीए के नेता चिराग पासवान ने क्या कहा है।