इंदौर में एक चूड़ीवाले की पिटाई और फिर उस पर मुक़दमा। अजमेर में एक भिखारी और उसके बच्चे की पिटाई। दोनों ही मुसलमान थे। यह कौन सा धर्म है जो ऐसा आतंक फैलाने की शिक्षा देता है? आलोक अड्डा में प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद, अनिल शर्मा, संजीव श्रीवास्तव, अलीशान जाफ़री और हिमांशु बाजपेई
पालघर में साधुओं की हत्या हो या दादरी में अख़लाक़ को मार डालने का मामला। दोनों ही मामलों में भीड़ ने न्याय किया। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए भीड़तंत्र को ख़त्म करना ज़रूरी है।
मॉब लिंचिंग यानी भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे जाने की घटनाएँ क्यों बढ़ रही हैं? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? मॉब लिंचिंग का दायरा क्यों बढ़ता जा रहा है? क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?