मुज़फ्फरपुर के रेलवे प्लेटफ़ार्म पर भारत का ज़मीर मरा पड़ा है जिसे एक ऐसा बच्चा ज़िंदा समझ रहा है जिसे इसका सच समझने लायक़ होने में कई बरस लगेंगे ।इसके लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं है क्योंकि देश में अब किसी के ज़िम्मेदार होने की व्यवस्था ही ख़त्म की जा चुकी है । आइये भारतीय ज़मीर के अवसान की शोकसभा में शीतल पी सिंह से शोक संदेश सुन लीजिए!
ट्रेन से लौटे एक प्रवासी मज़दूर की स्टेशन पर मौत की एक तसवीर दिल दहला देने वाली है। मुश्किल से 2-3 साल का बच्चा अपनी मृत पड़ी माँ को उठाने की कोशिश कर रहा है। उसे यह अहसास भी नहीं है कि उसकी माँ अब जिंदा नहीं है।
सन् 2020 में आई कोरोना महामारी के दौरान देश के करोड़ों मज़दूरों और उनके परिजनों की यंत्रणा, बेहाली और तकलीफ़ के बारे में जब कभी याद किया जायेगा, सत्ताधारियों की ‘हिन्दुत्व-वैचारिकी’ पर भी सवाल उठेंगे।
आम तौर पर न्यायपालिका सार्वजनिक हित के मामलों में सक्रियता दिखाती थी और अपनी तरफ से हस्तक्षेप करने से कतराती नहीं थी। मगर मज़दूरों की समस्याओं, उनके कष्टों और उनकी पीड़ा पर उसका रुख़ कैसा है क्या वह हस्तक्षेप कर रही है, क्या वह सरकारों को उनका ध्यान रखने और उनकी मदद करने के लिए निर्देश दे रही है? पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की टिप्पणी।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से हर रोज़ क़रीब एक-एक लाख प्रवासी मज़दूरों को एक ही जगह पर लाने की स्थिति को संभालना उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए मुश्किल हो जाएगा?
देश की वित्त मंत्री आरोप लगा रही हैं कि राहुल गाँधी ड्रामेबाज़ी कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने ‘दुख’ के साथ कहा कि राहुल ने मज़दूरों के साथ बैठकर, उनसे बात करके उनका समय बर्बाद किया।
सीमा भारत और पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश या म्यांमार के बीच नहीं रह गई है, अब बिहार और उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात, असम और मेघालय या कर्नाटक और केरल के बीच खिंच गई है।
मध्य प्रदेश में प्रवासी मज़दूरों को ले जा रहे ट्रक में बड़ा हादसा हो गया। एक बस की टक्कर से कम से कम 8 मज़दूर मारे गए और 50 से ज़्यादा को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि लॉकडाउन खोलने को लेकर नागरिकों के मन में जैसी चिंताएँ हैं वैसी उन लोगों के मनों में बिलकुल नहीं हैं जो दुनिया भर में सरकारों में बैठे हुए हैं।
कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपने प्रवासी मज़दूरों और छात्रों को अपने घर क्यों वापस नहीं आने देना चाहते हैं। किससे डरे हुए हैं मुख्यमंत्री। शैलेश की रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में आठ श्रमिकों की मौत की ख़बर आई है। मारे गये सभी आठ लोग यूपी के रहने वाले थे। इसमें से पाँच की तो ट्रक पलट जाने से मौत हो गई, जबकि तीन लोगों की पैदल चलते-चलते मौत हो गई।