सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा था कि बीजेपी मायावती को राष्ट्रपति बनाने जा रही है। उस पर मायावती ने गुरुवार को पलट वार किया। मायवती ने कहा कि मैं सीएम-पीएम तो बनना चाहती हूं लेकिन राष्ट्रपति तो हर्गिज नहीं।
बसपा का दलित वोट हथियाने के लिए है और सत्तारूढ़ भाजपा इसका अधिकतम लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। निश्चित रूप से इस अभ्यास के एक भाग के रूप में, यूपी के सीएम ने आज ज्योतिबा फुले की जयंती मनाने की घोषणा करते हुए अखबारों में बड़े विज्ञापन दिए हैं।
कांग्रेस के दलित नेता और सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीएसपी नेता मायावती को जवाब दिया है। मायावती ने राहुल गांधी के कल के बयान पर आज करारा हमला बोला था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज रहस्योद्घाटन किया कि पार्टी ने इस बार यूपी विधानसभा चुनाव में मायावती को सीएम पद की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने डर की वजह से उसे स्वीकार नहीं किया।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने रविवार को लखनऊ में पार्टी की समीक्षा बैठक की। उन्होंने मुसलमानों और सपा पर हमला बोला। अपने संबोधन में मायावती ने सपा और मुसलमानों का नाम बार-बार लिया, जबकि बीजेपी पर उनके अटैक का अंदाज अजीबोगरीब रहा। मायावती ने मुसलमानों के एकतरफा वोटिंग पर सवाल उठाया और कहा कि ये लोग भटके हुए हैं और दिशाहीन हैं।
दलितों की सबसे बड़ी नेता मायावती ने बीएसपी को फिर से खड़ा करने की कोशिश तेज कर दी है। उन्होंने आज लखनऊ में पार्टी की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसमें कई अहम फैसले लिए गए।
उत्तर प्रदेश के चुनाव में बीएसपी की करारी हार के बाद पार्टी की मुखिया मायावती की लगातार आलोचना हो रही है। बीजेपी की जीत के लिए भी उन्हें जिम्मेदार बताया जा रहा है।
Satya Hindi News Bulletin। हिंदी समाचार बुलेटिन। 12 मार्च, सुबह की ख़बरें । SATYA PAL MALIK। पंजाब की जीत का पूरे यूपी में विजय जुलूस निकालेगी ‘आप’ । राजभर : सफल होने के प्रयास पर्याप्त नहीं थे, लोगों के पास जाएंगे
यूपी चुनाव में करारी हार से परेशान बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मीडिया को निशाने पर लिया है। उन्होंने अपने प्रवक्ताओं के टीवी डिबेट में जाने पर रोक लगा दी है।
यूपी में बीजेपी की जीत का असर क्या होगा? कांशीराम और मायावती ने जिन्हें आत्मसम्मान व सामाजिक न्याय जैसी अस्मिता दी थी, क्या वे अब 'लाभार्थी' बन गए? यदि ऐसा है तो अब कैसी राजनीति होगी?
उत्तर प्रदेश में चुनाव में क्या बीएसपी और एआईएमआईएम ने वोट काटने वाली पार्टी के तौर पर काम किया और इससे बीजेपी को फ़ायदा हुआ? जानिए, शिवसेना नेता संजय राउत ने क्या कहा।