बसपा मायावती ने पटना बैठक से ठीक पहले बयान दिया कि वो इस बैठक में शामिल नहीं होंगी। उनका यह स्टैंड शुरू से स्पष्ट था। लेकिन वो खुद ही बार-बार बता रही हैं कि विपक्षी एकता बैठक में शामिल नहीं होंगी। जानिए पूरी बातः
मायावती सरकार के दौरान उनके परिवार के लोगों को बड़े पैमाने पर फायदा पहुँचाने का आरोप लग रहा है। जानिए, एक रिपोर्ट में मायावती के भाई-भाभी को नोएडा में फ्लैट को लेकर क्या दावा किया गया है।
नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बीएसपी प्रमुख मायावती के रुख के क्या संकेत हैं? उन्होंने आख़िर विपक्षी दलों के बहिष्कार की आलोचना क्यों की? जानिए, असली वजह।
क्या यूपी की राजनीति करवट ले रही है। शहरी निकाय चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि मुस्लिम मतदाता अब सपा-बसपा से बतौर डिफाल्ट नहीं जुड़ा है। उनकी वोटिंग का पैटर्न बता रहा है कि उनकी पंसद अब छोटी पार्टियां और यहां तक की भाजपा भी है।
पुलिस की मौजूदगी में और लाइव कवरेज के दौरान अतीक अहमद और अशरफ़ की गोली मारकर हत्या की वारदात ने झकझोर कर रख दिया है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानें उन्होंने क्या-क्या कहा।
झांसी में आज हुए एनकाउंटर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जांच की मांग की है। अतीक के बेटे असद और कथित शूटर गुलाम का एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तारीफ की है।
समाजवादी पार्टी दलित वोट बैंक की तरफ रुख कर रही है। दलितों की मौजूदा समय में नेता मायावती की राजनीति की वजह से दलित अब अन्य पार्टियों में जा रहे हैं। बीजेपी से काफी तादाद में दलित जुड़ चुके हैं। लेकिन जो दलित बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहते हैं, वो भी सहारा तलाश रहे हैं। ऐसे में सपा की पहल रंग ला सकती है।
रायबरेली में कांशीराम की मूर्ती का अनावरण करके अखिलेश दलित वोट को अपने पाले में लाने के साथ कांग्रेस को भी संदेश दे रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं जाएगी।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने गठबंधन को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट की है। उन्होंने रविवार को अपने जन्मदिन के मौके पर कहा कि बीएसपी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी, चाहे वो विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव हो। मायावती ने ऐसी रणनीति क्यों अपनाई, जानिएः
बीएसपी ने इस साल कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे 10 राज्यों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति की घोषणा की है। जानिए मायावती ने क्या कहा है।
मायावती के समर्थकों ने उनका ‘चालीसा’ निकाल दिया है. क्या ऐसा करके मायावती अपनी राजनीति बचा पाएंगी? जनता की नज़रों में कैसी रहेंगी मायावती? Sharat Ki Do Took.
बीएसपी प्रमुख मायावती ने यूपी में मदरसों का मुद्दा फिर से उठाया है। यूपी की बीजेपी सरकार हाथ धोकर मदरसों के पीछे पड़ी है। तमाम मदरसों को अवैध घोषित किया गया है। लेकिन मायावती का यह मुद्दा उठाने के पीछे अपना मकसद भी है। जानिए पूरा घटनाक्रमः
बीएसपी प्रमुख मायावती ने शनिवार को लखनऊ में पार्टी का सम्मेलन बुलाया था। उसमें उन्होंने कई राजनीतिक फैसले लिए। ये फैसले महत्वपूर्ण हैं और लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मायावती सारी तैयारी कर रही हैं। उनकी नजर स्पष्ट तौर पर मुस्लिम और दलित वोट बैंक पर है। पढ़िए पूरा विश्लेषणः
मायावती ने जिस तरह मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लिए बिना कांग्रेस पर बोला है उससे साफ लगता है कि खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें अपने दलित वोट बैंक में सेंध लगने का डर है।
यूपी की राजनीति में बदलते घटनाक्रमों के बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने आज मंगलवार 20 सितंबर को योगी सरकार पर फिर हमला बोला। योगी सरकार पर लगातार हमले का आज दूसरा दिन है। अभी तक मायावती दबी जुबान से ही बीजेपी सरकार की आलोचना की है।