बीएसपी प्रमुख मायावती ने गठबंधन को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट की है। उन्होंने रविवार को अपने जन्मदिन के मौके पर कहा कि बीएसपी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी, चाहे वो विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव हो। मायावती ने ऐसी रणनीति क्यों अपनाई, जानिएः
बीएसपी ने इस साल कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे 10 राज्यों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति की घोषणा की है। जानिए मायावती ने क्या कहा है।
मायावती के समर्थकों ने उनका ‘चालीसा’ निकाल दिया है. क्या ऐसा करके मायावती अपनी राजनीति बचा पाएंगी? जनता की नज़रों में कैसी रहेंगी मायावती? Sharat Ki Do Took.
बीएसपी प्रमुख मायावती ने यूपी में मदरसों का मुद्दा फिर से उठाया है। यूपी की बीजेपी सरकार हाथ धोकर मदरसों के पीछे पड़ी है। तमाम मदरसों को अवैध घोषित किया गया है। लेकिन मायावती का यह मुद्दा उठाने के पीछे अपना मकसद भी है। जानिए पूरा घटनाक्रमः
बीएसपी प्रमुख मायावती ने शनिवार को लखनऊ में पार्टी का सम्मेलन बुलाया था। उसमें उन्होंने कई राजनीतिक फैसले लिए। ये फैसले महत्वपूर्ण हैं और लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मायावती सारी तैयारी कर रही हैं। उनकी नजर स्पष्ट तौर पर मुस्लिम और दलित वोट बैंक पर है। पढ़िए पूरा विश्लेषणः
मायावती ने जिस तरह मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लिए बिना कांग्रेस पर बोला है उससे साफ लगता है कि खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें अपने दलित वोट बैंक में सेंध लगने का डर है।
यूपी की राजनीति में बदलते घटनाक्रमों के बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने आज मंगलवार 20 सितंबर को योगी सरकार पर फिर हमला बोला। योगी सरकार पर लगातार हमले का आज दूसरा दिन है। अभी तक मायावती दबी जुबान से ही बीजेपी सरकार की आलोचना की है।
बीजेपी को मनुवादी पार्टी कहकर आरोप लगाती रहीं मायावती ने आख़िर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन क्यों किया? आख़िर वह विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में क्यों नहीं हैं?
बीएसपी प्रमुख मायावती ने सोमवार को बुलडोजर राजनीति पर महत्वपूर्ण रणनीतिक बयान दिया। इस बयान का सीधा संबंध आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव और यूपी की भावी राजनीति से है।
बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है कि उनकी जान को खतरा है। इसी बीच बीएसपी प्रमुख मायावती और ओवैसी ने नूपुर की गिरफ्तारी की मांग की है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा था कि बीजेपी मायावती को राष्ट्रपति बनाने जा रही है। उस पर मायावती ने गुरुवार को पलट वार किया। मायवती ने कहा कि मैं सीएम-पीएम तो बनना चाहती हूं लेकिन राष्ट्रपति तो हर्गिज नहीं।
बसपा का दलित वोट हथियाने के लिए है और सत्तारूढ़ भाजपा इसका अधिकतम लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। निश्चित रूप से इस अभ्यास के एक भाग के रूप में, यूपी के सीएम ने आज ज्योतिबा फुले की जयंती मनाने की घोषणा करते हुए अखबारों में बड़े विज्ञापन दिए हैं।