सीवर और सैप्टिक टैंकों की सफ़ाई के दौरान सफ़ाई कर्मियों की मौत के मामले लगातार आते रहे हैं। साफ़ तौर पर काम कराने वालों की लापरवाही सामने आती रही है। तो क्या दोषियों को सजा हो पाती है?
सीवर और सैप्टिक टैंकों की सफ़ाई के दौरान सफ़ाई कर्मियों की मौत के मामले लगातार आते रहे हैं। आख़िर इतना ख़तरनाक काम करने वाले लोग कौन हैं? जानिए, आँकड़े क्या कहते हैं।
भारत में लगभग तीन दशक पहले हाथ से मैला ढोने की प्रथा पर प्रतिबंध है तो फिर स्कूल में और वह भी दलित छात्रों से ही सेप्टिक टैंक साफ़ कराना कितना बड़ा अपराध?
सीवर की सफ़ाई के दौरान सफ़ाई कर्मियों की मौत के लगातार आ रहे मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी देश में लोगों को गैस चैम्बर में मारने के लिए धकेला नहीं जाता है।