मणिपुर हिंसा पर राज्यसभा में बहस कराए जाने की मांग को लेकर जब सभापति विपक्षी सदस्यों के नोटिस देने वालों के नाम ले रहे थे तो टीएमसी के डेरेक ओब्रायन से नोकझोंक क्यों हुई?
विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर संसद में चर्चा कराने और पीएम मोदी के बयान देने की मांग के लिए विरोध कर रहे हैं, लेकिन क्या सरकार ऐसा करेगी? जानिए, आख़िर दिक्कत कहाँ है।
मणिपुर पर विदेश में भी चिन्ता बढ़ रही है। अमेरिका ने इस पर चिन्ता जताते हुए पीड़ितों से हमदर्दी की बात कही है। पिछले दिनों यूरोपियन संसद में भी यह मामला उठा था। लेकिन भारत ने हमेशा इसे अपना आंतरिक मामला बताकर आरोपों को खारिज करता रहा है। देखना है कि अमेरिका की प्रतिक्रिया पर भारत क्या कहता है।
मणिपुर पर यह कहकर बचा नहीं जा सकता कि ऐतिहासिक रूप से कुकी-मैतेयी विभाजन का मामला है। मणिपुर की हिंसा के लिए राज्य ज़िम्मेवार है, यह साफ़ साफ़ कहने की आवश्यकता है।
मणिपुर से पहली बार ऐसी कहानी सामने आई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मैतेई महिलाओं के नामी संगठन की महिलाओं ने 18 साल की कुकी लड़की को पुरुषों के हवाले कर दिया, जिन्होंने उसके साथ शारीरिक क्रूरता की, पीटा और गैंगरेप किया। द हिन्दू ने यह पूरी कहानी एफआईआर के जरिए प्रकाशित की है।
मणिपुर में महज मैतेई समीकरण की वजह से भाजपा ने वहां के हालात को दांव पर लगा दिया है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि शासक के लिए प्रजा-प्रजा में भेद नहीं हो सकता। पढ़िए पूरा लेखः
मणिपुर वीडियो के जरिए जो भयावह सच सामने आया, उस पर पूरी मानवता शर्मसार है। लेकिन कुछ लोगों को तो शर्म भी नहीं आ रही। पीएम मोदी ने बहुत दुख जताया लेकिन मणिपुर के लोगों से शांति की अपील नहीं की। वो पिछले दो महीने से मणिपुर पर चुप थे। पत्रकार और स्तंभकार वंदिता मिश्रा कह रही हैं - प्रधानमंत्री और सरकार की उपस्थिति तो पहले से ही संदिग्ध है। पढ़िए उनका यह लेख।
पूर्व उग्रवादियों के संगठन ने मणिपुर के मैतेई लोगों को 'अपनी सुरक्षा' के लिए मिजोरम छोड़ने के लिए कहा है। अब वहां से मैतेई लोग जाने लगे हैं। मणिपुर सरकार ने उन्हें वहां से लाने का इंतजाम किया है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । मणिपुर पर SC के हस्तक्षेप के बाद CJI चंद्रचूड़ पर ट्विटर पर निशाना । दिल्ली HC ने ट्रायल में मिली छूट के खिलाफ दायर याचिका को किया खारिज
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। पादरी: उम्मीद थी कि पुलिस मदद करेगी, लेकिन उन्होंने हम पर गोली चला दी । पीएम मोदी नियुक्ति पत्र बांट रहे, कांग्रेस बोली- इवेंटजीवी पीएम
मणिपुर में हिंसा को लेकर देश भर में बढ़ रहा गुस्सा क्या कहता है? क्या मणिपुर संकट ने सरकार की क्षमताओं और नीयत से भरोसा उठा दिया है? इस नाकामी से मोदी की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय छवि को कितना धक्का पहुँचा है? क्या अब उनकी छवि एक नकारे शासक और सत्ता-लोभी नेता की बनती जा रही है?
असम राइफल्स ने मणिपुर इंटीग्रिटी नामक संगठन की समन्वय समिति के संयोजक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। क्योंकि संगठन ने लूटे गए हथियार लोगों से न सौंपने का आग्रह किया था, संगठन ने असम राइफल्स को हटाने की मांग की है। यह संगठन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के समय आगे-आगे था। यह सारा मामला बहुत ही अजीबोगरीब है। तथ्यों को जानकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है।