बंगाल में तृण मूल काँग्रेस की भारी जीत क्या कहती है? क्या ये हिंसा और आतंक की जीत है या फिर ममता की लोकप्रियता की? क्या इस जीत ने बीजेपी की उम्मीदों को एक बार फिर से झटका दे दिया है? इस जीत के बाद ममता के तेवर क्या होंगे? क्या वे विपक्ष में अपने लिए बड़ी भूमिका का दावा कर सकती हैं? क्या वे काँग्रेस और लेफ्ट के प्रति और कड़ा रुख़ अपनाएंगी?