सवाल यह है कि ममता के ख़िलाफ़ बीजेपी के सफल धार्मिक ध्रुवीकरण का मुख्य कारण अगर वर्तमान मुख्यमंत्री की कथित मुसलिम तुष्टिकरण की नीतियाँ हैं तो क्या राज्य के हिंदू मतदाता घोर नास्तिक माने जाने वाले मार्क्सवादियों की हुकूमत में पूरी तरह से संतुष्ट थे?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूचबिहार ज़िले के शीतलकुची में हुई गोलीबारी को नरसंहार करार देते हुए कहा है कि वे चुनाव आयोग के 72 घंटे का प्रतिबंध ख़त्म होते ही वहाँ जाएंगी और पीड़ितों के परिजनों से मिलेंगी।
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का मतदान शुरू होने के ठीक आधे घंटे बाद यह ‘पीके बम’ फोड़ दिया गया। ट्विटर पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने यह बम फोड़ा।
बंगाल में जब अमित शाह हर चरण के बाद अपनी सीटें गिना रहे हैं तो ममता बनर्जी तुरंत उनको काउंटर करती हैं कि क्या वे भगवान हैं या उन्होंने ईवीएम में झाँककर देखा है कि किसने किसको वोट दिया है। आख़िर यह वाद-विवाद क्यों?
लोगों की यह जानने की भारी उत्सुकता है कि बंगाल चुनावों के नतीजे क्या होंगे? ममता बनर्जी हारेंगी या जीत जाएँगी? सवाल वास्तव में उलटा होना चाहिए। वह यह कि बंगाल में नरेंद्र मोदी चुनाव जीत पाएँगे या नहीं?
ममता पर धर्म के आधार पर वोट मांगने, नफ़रत फैलाने समेत कई आरोप हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि अगर वे कहेंगे कि ‘हिन्दुओं एक हो जाओ’ तो उनके पास चुनाव आयोग के 8 से 10 नोटिस आ जाएँगे। ममता को चुनाव आयोग का नोटिस तो मोदी को क्यों नहीं?
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मुसलिम वोटों के बँटवारे के मुद्दे पर उनके बयान को ध्यान में रख कर उन्हें नोटिस जारी किया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने कहा- झूठ बोलते हैं पीएम मोदी Mamata Banerje attacks PM Modi, saying He Lies in every rally.
केंद्र सरकार के आयकर-विभाग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर छापे मार दिए हैं और उनमें से कुछ को गिरफ्तार भी कर लिया है। चुनावों के दौरान इनको लेकर ख़बरें उछलवाने का उद्देश्य क्या है?
पश्चिम बंगाल की चुनावी रणनीति में दो बड़े किरदार हैं- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और केंद्र सहित कई राज्यों में विजय पताका फहराने वाली भारतीय जनता पार्टी। पर कौन मज़बूत है?
चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के मतदान से जुड़े ममता बनर्जी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उसने इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का संकेत भी दिया है।
तमिलनाडु में 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले डीएमके नेता एम के स्टालिन के रिश्तेदार के घर आयकर छापे ने फिर से एक विवाद को जन्म दिया। आरोप लगे कि चुनाव में फायदे के लिए केंद्र के इशारे पर यह कार्रवाई की गई है।